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    Til Dwadashi 2023: तिल द्वादशी व्रत आज, हर कष्ट से छुटकारा पाने के लिए ऐसे करें श्री हरि विष्णु की पूजा

    By Shivani SinghEdited By: Shivani Singh
    Updated: Thu, 19 Jan 2023 09:25 AM (IST)

    Til Dwadashi 2023 माघ मास की द्वादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को राजसूय यज्ञ के सामान फल प्राप्त होता है। इसके साथ ही आज के दिन व्रत एवं स्नान-दान की अपूर्व महिमा है। जानिए तिल द्वादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

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    Til Dwadashi 2023: तिल द्वादशी व्रत आज

    नई दिल्ली, Til Dwadashi 2023: हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन तिल द्वादशी का व्रत रखा जाता है। आज के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने का विधान है। इसके अलावा आज स्नान के साथ तिल का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। तिल द्वादशी तिथि पर खास संयोग बन रहा है क्योंकि आज भगवान विष्णु का समर्पित गुरुवार का दिन है। पद्म पुराण के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ व्रत रखने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और संसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। जानिए तिल द्वादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

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    तिल द्वादशी 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त

    माघ माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि आरंभ- 18 जनवरी बुधवार को शाम 04 बजकर 03 मिनट से शुरू

    द्वादशी तिथि समाप्त- 19 जनवरी को दोपहर 01 बजकर 18 मिनट पर

    उदया तिथि के कारण आज ही इस व्रत को रखने का विधान है।

    धुव्र योग- सुबह से लेकर रात 11 बजकर 04 मिनट तक

    तिल द्वादशी 2023 पूजा विधि

    आज सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि करके साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा आरंभ करें। सबसे पहले पीले फूल, माला चढ़ाएं। इसके बाद पीला चंदन, अक्षत चढ़ाएं। फिर तिल, तिल के लड्डू, पंचामृत, मिठाई आदि चढ़ाकर घी का दीपक, धूप, नैवेद्य आदि से विधिवत पूजा कर लें। इसके साथ ही विष्णु चालीसा, स्तोत्र के साथ इस मंत्र का जाप करें।

    मंत्र- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

    तिल का करें दान

    शास्त्रों के अनुसार, तिल द्वादशी के दिन तिल या फिर इससे बनी चीजों का दान करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को बैकुंठ की प्राप्ति होती है और हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।