यह पूजा और मंत्र आपके ज्ञान, बुद्धि और भाग्य को बेहतर बनाएंगे
गुरुवार के दिन इस बेहद आसान गुरु बृहस्पति मंत्र से पूजा बुद्धि, ज्ञान और वैवाहिक बाधाओं को दूर कर किस्मत चमकाने वाली मानी गई है। इसलिए जानिए, गुरु पूजा की सरल विधि व मंत्र -
हिन्दू धर्म शास्त्रों के मुताबिक गुरु बृहस्पति ज्ञान, बुद्धि और भाग्य को नियत करने वाले देवता माने गए हैं। साथ ही सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए भी गुरु पूजा श्रेष्ठ उपाय है। इन इच्छाओं को जल्द पूरा करने के लिये गुरुवार के दिन देव गुरु बृहस्पति की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।
गुरुवार के दिन इस बेहद आसान गुरु बृहस्पति मंत्र से पूजा बुद्धि, ज्ञान और वैवाहिक बाधाओं को दूर कर किस्मत चमकाने वाली मानी गई है। इसलिए जानिए, गुरु पूजा की सरल विधि व मंत्र -
गुरुवार के दिन नवग्रह या बृहस्पति मंदिर में गुरु बृहस्पति की प्रतिमा को पंचामृत स्नान या केसर मिले दूध से स्नान के बाद पूजा गंध, अक्षत, पीले फूल चढ़ाएं, पीले पकवानों का भोग लगाएं।
बाद पीले आसन पर बैठ नीचे लिख बेहद आसान बृहस्पति मंत्र का यथाशक्ति या कम से कम 108 बार सौभाग्य कामना से जप करें व आरती करें-
ॐ बृं बृहस्पतये नम:।
देवगुरु बृहस्पति के तंत्रोक्त मंत्र ना सिर्फ धन और वैभव की दृष्टि से चमत्कारी है बल्कि तुरंत असर करने वाले हैं। जरूरत है इन्हें एक साथ निरंतर जपने की। इन चमत्कारी पांचों मंत्रों की जप संख्या 19 हजार है। आप किसी भी एक गुरु मंत्र का गुरुवार के दिन जप कर सकते हैं।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।
ॐ गुं गुरवे नम:।
ॐ बृं बृहस्पतये नम:।
ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।
सूर्य के बाद सबसे विशाल ग्रह भी बृहस्पति ही है। देवपूज्य बृहस्पति या गुरु दार्शनिक, आध्यात्मिक ज्ञान को निर्देशित करने वाला उत्तम ग्रह माना गया है। देवगुरु बृहस्पति के तंत्रोक्त मंत्र ना सिर्फ धन और वैभव की दृष्टि से चमत्कारी है बल्कि तुरंत असर करने वाले हैं। जरूरत है इन्हें एक साथ निरंतर जपने की।
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