Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Surya Mantra: हर रविवार सूर्यदेव के इन मंत्रों का करें जाप, मनोकामना होती है पूर्ण

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Sun, 10 Jan 2021 10:19 AM (IST)

    Surya Mantra आज रविवार है और आज का दिन सूर्यदेव को समर्पित होता है। कहा जाता है कि सूर्यदेव जगत की आत्मा है। इस पृथ्वी से जीवन सूर्य से ही है। इसी को सर्वमान्य सत्य कहा गया है। जगत के कर्ता-धर्ता भी सूर्य को कही माना गया है।

    Hero Image
    Surya Mantra: हर रविवार सूर्यदेव के इन मंत्रों का करें जाप, मनोकामना होती है पूर्ण

    Surya Mantra: आज रविवार है और आज का दिन सूर्यदेव को समर्पित होता है। कहा जाता है कि सूर्यदेव जगत की आत्मा है। इस पृथ्वी से जीवन सूर्य से ही है। इसी को सर्वमान्य सत्य कहा गया है। जगत के कर्ता-धर्ता भी सूर्य को कही माना गया है। ऋग्वेद के देवताओं कें सूर्य का महत्वपूर्ण स्थान है। सूर्योपनिषद में सूर्य को ही संपूर्ण जगत की उत्पत्ति का एक मात्र कारण निरूपित किया गया है। मान्यता है कि अगर रविवार के दिन व्यक्ति सूर्यदेव की अराधना करे तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। विधि-विधान के साथ सूर्यदेव की पूजा करने से व्यक्ति पर सर्वत्र ही प्रभु की कृपा बनी रहती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रविवार के दिन अगर कुछ मंत्रों का जाप किया जाए तो सूर्यदेव प्रसन्न हो जाते हैं। सूर्यदेव की पूजा करते समय उनकी आरती और चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। साथ ही आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ भी अवश्य करना चाहिए। हर रविवार को सूर्यदेव का पूजन करना चाहिए और सूर्य मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए। इससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस लेख में हम आपको कुछ सूर्य मंत्रों की जानकारी दे रहे हैं जिनका जाप आप सूर्य पूजन के दौरान कर सकते हैं। ध्यान रहे कि इनका उच्चारण एकदम सटीक होना चाहिए। आइए पढ़ते हैं सूर्य मंत्र:

    भगवान सूर्य के मंत्र:

    1. ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:

    2. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।

    3. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।

    4. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।

    5. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।

    6. ॐ सूर्याय नम: ।

    7. ॐ घृणि सूर्याय नम: ।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '