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Skanda Shashti 2021: आज के दिन भगवान कार्तिकेय की इस विधि से करें पूजा, जीवन की कठिनाइयां होती हैं दूर

Skanda Shashti 2021 आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। आज के दिन स्कंद षष्ठी का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कुमार कार्तिकेय की पूजा करने का विधान है। इन्हें स्कंद भी कहा जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 07:30 AM (IST)
Skanda Shashti 2021: आज के दिन भगवान कार्तिकेय की इस विधि से करें पूजा, जीवन की कठिनाइयां होती हैं दूर
Skanda Shashti 2021: आज के दिन भगवान कार्तिकेय की इस विधि से करें पूजा, जीवन की कठिनाइयां होती हैं दूर

Skanda Shashti 2021: आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। आज के दिन स्कंद षष्ठी का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कुमार कार्तिकेय की पूजा करने का विधान है। इन्हें स्कंद भी कहा जाता है। इसी के चलते इस दिन को स्कंद षष्ठी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी भगवान कार्तिकेय की पूजा करता है उसके जीवन से सभी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं। साथ ही जातक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस व्रत को दक्षिण भारतीय लोगों द्वारा बेहद धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। आइए पढ़ते हैं स्कंद षष्ठी की पूजा विधि।

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स्कंद षष्ठी व्रत की पूजा विधि:

  • इस दिन व्यक्ति को सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। इसके बाद घर की साफ-सफाई कर स्नानादि कर लेना चाहिए। फिर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • स्नानादि के बाद भगवान कार्तिकेय के व्रत का संकल्प करें।
  • इसके बाद एक पटरी लें और उस पर भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें। इनके साथ मां गौरी और शिव जी की प्रतिमा भी स्थापित करें। 
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  • इसके बाद भगवान का तिलक करें और उनके समक्ष दीप, धूप जलाएं।
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  • फिर उन्हें कलावा, अक्षत, हल्दी, चंदन, गाय का घी, दूध, मौसमी फल, फूल आदि चीजें अर्पित करें। लेकिन ध्यान रखें कि शिव जी को हल्दी न चढ़ाएं।
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  • पूजा करने के बाद भगवान की आरती करें। साथ ही भजन-कीर्तन भी करें। भगवान के मंत्रों का भी जाप करें। इससे भगवान प्रसन्न हो जाते हैं।
  • इसके बाद शाम के समय दोबारा पूजा करें और उसके बाद फलाहार करें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'  


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