Skanda Sashti Vrat 2022: जानिए किस दिन रखा जाएगा भगवान कार्तिकेय को समर्पित स्कंद षष्ठी का व्रत
Skanda Sashti Vrat प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित स्कंद षष्ठी व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने से और भगवान शिव माता पार्वती एवं कार्तिकेय की पूजा करने से सभी दुःख दूर हो जाते हैं।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Skanda Sashti Vrat 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित स्कंद षष्ठी उपवास विधि-विधान से रखा जाता है। इस दिन को कुमार षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि स्कंद षष्ठी तिथि के दिन उपवास रखने से और भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय की पूजा करने से सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है और भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पौष मास में यह व्रत वर्ष 2022 का अंतिम स्कंद षष्ठी व्रत रखा जाएगा। आइए जानते हैं इस व्रत की तिथि, मुहूर्त और पूजा-विधि।
स्कंद षष्ठी व्रत शुभ मुहूर्त (Skanda Sashti Vrat 2022 Date)
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पौष मास शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि प्रारंभ: 27 दिसंबर 2022, रात्रि 09 बजकर 22 मिनट पर
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षष्ठी तिथि समापन: 28 दिसंबर 2022, संध्या 07 बजकर 14 मिनट पर
उदया तिथि के अनुसार पौष मास में स्कंद षष्ठी व्रत 28 दिसंबर 2022, बुधवार के दिन रहा जाएगा। इस दिन राहुकाल दोपहर 12:12 बजे से 01:52 बजे तक रहेगा।
स्कंद षष्ठी व्रत पूजा विधि (Skanda Sashti Vrat 2022 Puja Vidhi)
शास्त्रों में बताया गया है कि स्कंद षष्ठी उपवास के दिन व्यक्ति को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान करें और भगवान कार्तिकेय का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके उपरांत विधिवत नितपूजा करें। लेकिन भगवान कार्तिकेय की उपासना से पहले भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। तत्पश्चात देवी-देवताओं को फूल, धूप-दीप, सिंदूर, अक्षत, मौली इत्यादि अर्पित करें और भोग लगाएं। अंत में विधिवत आरती के साथ क्षमा याचना करें और प्रसाद का वितरण करें।
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