Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Skanda Sashti 2022: स्कंद षष्ठी व्रत आज, इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें भगवान कार्तिकेय की पूजा

    By Shivani SinghEdited By:
    Updated: Tue, 05 Jul 2022 07:15 AM (IST)

    Skanda Sashti 2022 आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी व्रत रखा जाता है। ये व्रत भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। जानिए स्कंद षष्ठी व्र ...और पढ़ें

    Hero Image
    Skanda Sashti 2022: संतान की उन्नति के लिए रखें स्कंद षष्ठी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र

    नई दिल्ली,  Skanda Sashti 2022:  हर माह के  शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कन्द षष्ठी (Skand Shashthi) व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान कार्तिकेय की विधिवत पूजा की जाती है।  इस कारण इसे कुमार षष्ठी भी कहा जाता है। भगवान स्कंद को मुरुगन,कार्तिकेयन, सुब्रमण्यम के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार,  स्कंद षष्ठी के दिन व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। इसके साथ ही संतान की प्राप्ति के साथ उनकी खुशहाली के लिए यह व्रत रखना शुभ माना जाता है। जानिए स्कंद षष्ठी व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्कंद षष्ठी व्रत का शुभ मुहूर्त

    आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि प्रारंभ- 04 जुलाई शाम 6 बजकर 33  मिनट से शुरू

    आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का समापन- 5 जुलाई शाम 7 बजकर 29 मिनट तक

    मघा नक्षत्र - 3 जुलाई सुबह  06 बजकर 30 मिनट से 04 जुलाई सुबह 08 बजकर 44 मिनट तक

    पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र - 4 जुलाई सुबह  08 बजकर 44 मिनट से 5 जुलाई सुबह 10 बजकर 30 मिनट तक

    स्कंद षष्ठी व्रत की पूजा विधि

    • सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें और साफ व्रत धारण कर लें।
    • भगवान कार्तिकेय का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प ले लें।
    • पूजा घर में जाकर विधिवत तरीके से पूजा करें। सबसे पहले भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
    • इसके बाद भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।
    • सबसे पहले थोड़ा सा जल अर्पित करें।
    • भगवान को पुष्प, माला, फल, मेवा, कलावा, सिंदूर, अक्षत, चंदन आदि लगाएं।
    • अब भोग लगाएं।
    • फिर दीपक-धूप करके मंत्र का जाप करें।
    • अंत में विधिवत तरीके से आरती करते भूल चूक के लिए माफी मांग लें।

    मंत्र

    देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।

    कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥

    स्कंद षष्ठी का महत्व

    स्कंद षष्ठी व्रत को दक्षिण भारत में प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है।  माना जाता है कि इस दिन विधिवत तरीके से भगवान कार्तिकेय की पूजा करने के साथ व्रत रखने से व्यक्ति को सभी कष्टों से छुटकारा मिसलने के साथ संतान सुख प्राप्त होता है। 

    Pic Credit- instagram/

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'