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    Shivling Prasad: शिवलिंग पर चढ़ाया प्रसाद खाना चाहिए या नहीं, जानिए इससे जुड़ी मान्यताएं

    Updated: Sat, 17 Feb 2024 01:05 PM (IST)

    सनातन धर्म में भगवान शिव की आराधना विशेष महत्व रखती है। जिस प्रकार प्रत्येक दिन किसी-न-किसी देवी-देवता को समर्पित माना गया है ठीक उसी प्रकार सोमवार का दिन महादेव की आराधना करने के लिए समर्पित होता है। शिवलिंग के प्रसाद से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं जिनका ध्यान रखने पर व्यक्ति को लाभ मिल सकता है। आइए जानते हैं ये नियम।

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    Shivling Puja Niyam शिवलिंग पर चढ़ाया प्रसाद खाना चाहिए या नहीं?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shivling Prasad Niyam: शिवलिंग को भगवान शिव का ही स्वरूप माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, प्रतिदिन या सोमवार के दिन शिवलिंग का अभिषेक करने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। कई लोग घर में भी शिवलिंग स्थापित करते हैं और रोजाना इसकी पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि शिवलिंग पर चढ़े हुए भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए या नहीं।

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    ये है मान्यता

    प्रत्येक देवी-देवता को चढ़ाया गया भोग प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है, लेकिन शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को लेकर यह मान्यता है कि इसे ग्रहण नहीं करना चाहिए। इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी मिलती है।

    पौराणिक कथा

    शिव पुराण में वर्णन मिलता है कि, भगवान शिव के मुख से चण्डेश्वर नामक गण प्रकट हुआ, जिसे भूत-प्रेतों का प्रधान माना जाता है। ऐसे में शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद चण्डेश्वर का माना जाता है। इसलिए शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद ग्रहण करना भूत-प्रेतों का भोजन ग्रहण करने के समान माना है। यही कारण है कि शिवलिंग पर चढ़ाया प्रसाद खाने की मनाही है।

    इस बातों का रखें ध्यान

    यदि आपने धातु या पारद के शिवलिंग पर भोग अर्पित किया है, तो इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जा सकता है। इससे किसी प्रकार का दोष नहीं लगता। वहीं, शिव जी प्रतिमा पर चढ़ाए गए भोग को ग्रहण करना शुभ माना जाता है। शिव पुराण के अनुसार इस प्रसाद से असंख्य पापों का नाश होता है।

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    प्रसाद से जुड़े जरूरी नियम

    शिवलिंग पर कुछ चीजों को चढ़ाना वर्जित माना गया है। जिसमें तुलसी दल और हल्दी शामिल है। शिवलिंग के प्रसाद को पीतल या चांदी के धातु के बने पात्र में रखकर भोग लगाना चाहिए। इसे कभी भी जमीन में नहीं चढ़ाना चाहिए। पूजा पूरी होने के बाद इस प्रसाद को भगवान के पास से उठा लें।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'