येे शिवलिंग सौभाग्य, शान्ति, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए अत्यधिक सौभाग्यशाली है
इस प्रकार श्रावणमास में यह प्रयोग सात दिन तक करने पर व्यापार में आश्चर्यजनक वृद्धि होने लगती है और जीवन में आकस्मिक एवं अतुलनीय धन प्राप्त होता है। इस अभिषेक से प्राप्त जल अनेक बीमारियों को नष्ट करने वाला होता
पारद शिवलिंग पूजन विधि एवं साधना घर में पारद शिवलिंग सौभाग्य, शान्ति, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए अत्यधिक सौभाग्यशाली है। दुकान, ऑफिस व फैक्टरी में व्यापारी को बढाऩे के लिए पारद शिवलिंग का पूजन एक अचूक उपाय है। शिवलिंग के मात्र दर्शन ही सौभाग्यशाली होता है। इसके लिए किसी प्राणप्रतिष्ठा की आवश्कता नहीं हैं। पर इसके ज्यादा लाभ उठाने के लिए पूजन विधिक्त की जानी चाहिए।
सर्वप्रथम शिवलिंग को सफेद कपड़े पर आसन पर रखें। स्वयं पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुँह करके बैठ जाए। अपने आसपास जल, गंगाजल, रोली, मोली, चावल, दूध और हल्दी, चन्दन रख लें। सबसे पहले पारद शिवलिंग के दाहिनी तरफ दीपक जला कर रखो। थोडा सा जल हाथ में लेकर तीन बार निम्न मन्त्र का उच्चारण करके पी लें। प्रथम बार ॐ मुत्युभजाय नम: दूसरी बार ॐ नीलकण्ठाय: नम: तीसरी बार ॐ रूद्राय नम: चौथी बार ॐशिवाय नम: हाथ में फूल और चावल लेकर शिवजी का ध्यान करें और मन में ''ॐ नम: शिवाय`` का 5 बार स्मरण करें और चावल और फूल को शिवलिंग पर चढ़ा दें। इसके बाद ॐ नम: शिवाय का निरन्तर उच्चारण करते रहे। फिर हाथ में चावल और पुष्प लेकर ''ॐ पार्वत्यै नम:`` मंत्र का उच्चारण कर माता पार्वती का ध्यान कर चावल पारा शिवलिंग पर चढ़ा दें। इसके बाद ॐ नम: शिवाय का निरन्तर उच्चारण करें। फिर मोली को और इसके बाद बनेऊ को पारद शिवलिंग पर चढ़ा दें।
इसके पश्चात हल्दी और चन्दन का तिलक लगा दे। चावल अर्पण करे इसके बाद पुष्प चढ़ा दें। मीठे का भोग लगा दे। भांग, धतूरा और बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ा दें। फिर अन्तिम में शिव की आरती करे और प्रसाद आदि ले लो। जो व्यक्ति इस प्रकार से पारद शिवलिंग का पूजन करता है इसे शिव की कृपा से सुख समृद्धि आदि की प्राप्ति होती है। भगवान पारदेश्वर का महाअभिषेक उत्तर की और मुँह करके शिव का पूजन करें, शिवजी के आगे पूरब को न बैंठें, बल्कि उत्तर को ही बैंठें। चम्पा और केतकी के फूल छोड़कर सब फूल शिवजी के ऊपर चढ़ाये जा सकते हैं। व्यापार-वृद्धि, आकस्मिक धन के लिए यह कुबेर प्रयोग सम्पम्न होता है।
शुक्रवार के दिन किसी स्वच्छ पात्र में पारद-पारस गुटिका स्थापित कर दें, फिर एक सौ आठ कमल के ताजे पुष्प पहले से ही मंगा कर पास रख लें फिर एक कमल का पुष्प हाथ में लें और निम्न मंत्र का ग्यारह बार उच्चारण कर, कमल का पुष्प पारद-पारस गुटिका पर चढ़ा दें। प्रयोग सम्पन्न होने पर उन कमल की पंखुड़ियों को पूरे घर में बिखरे दें। अभाववश कमल के पुष्प की जगह गुलाब का पुष्प भी प्रयोग में लाया जा सकता है। मंत्र इस प्रकार है - ॐ ऐं ऐं श्रीं श्रीं हीं हीं ॐ इस प्रकार श्रावणमास में यह प्रयोग सात दिन तक करने पर व्यापार में आश्चर्यजनक वृद्धि होने लगती है और जीवन में आकस्मिक एवं अतुलनीय धन प्राप्त होता है। इस अभिषेक से प्राप्त जल अनेक बीमारियों को नष्ट करने वाला होता
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