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Sheetala Ashtami 2023: धन एवं आरोग्यता की प्राप्ति के लिए शीतला अष्टमी पर जरूर करें ये आसान उपाय

Sheetala Ashtami 2023 बसौड़ा या शीतला अष्टमी के दिन स्वच्छता और आरोग्यता की देवी माता शीतला की पूजा का विधान है। इस दिन माता शीतला की उपासना करें से और कुछ उपायों का पालन करने से साधक को बहुत लाभ मिलता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraPublished: Tue, 14 Mar 2023 12:58 PM (IST)Updated: Tue, 14 Mar 2023 12:58 PM (IST)
Sheetala Ashtami 2023: धन एवं आरोग्यता की प्राप्ति के लिए शीतला अष्टमी पर जरूर करें ये आसान उपाय
Sheetala Ashtami 2023: शीतला अष्टमी पर जरूर करें ये उपाय।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Sheetala Ashtami 2023: हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शीतला अष्टमी या बसौड़ा पर्व मनाया जाता है। बता दें कि इस वर्ष यह पर्व 15 मार्च 2023, बुधवार (Sheetala Ashtami 2023 Date) के मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शीतला अष्टमी पर माता शीतला की उपासना करने से और व्रत का पालन करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है और उसे समस्त रोग एवं दोष से मुक्ति मिल जाती है।

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स्कंद पुराण में बताया गया है कि ब्रह्मा जी ने सृष्टि को रोगमुक्त और स्वच्छ रखने का कार्य शीतला माता को सौंप दिया था। इसलिए इन्हें स्वच्छता की देवी के रूप में भी पूजा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में शीतला अष्टमी के सन्दर्भ में कुछ प्रभावशाली उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन करने से व्यक्ति क विशेष लाभ मिलता है और साधक से माता शीतला प्रसन्न होती हैं।

शीतला अष्टमी शुभ मुहूर्त (Sheetala Ashtami 2023 Shubh Muhurat)

कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि प्रारंभ: 14 मार्च 2023, मंगलवार संध्या 06 बजकर 52 मिनट से

कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि समाप्त: 15 मार्च 2023, बुधवार शाम 05 बजकर 15 मिनट पर

शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त: 15 मार्च 2023, सुबह 06 बजकर 12 मिनट से शाम 05 बजकर 15 मिनट तक

शीतला अष्टमी के प्रभावी उपाय (Sheetala Ashtami 2023 Upay)

  • शीतला अष्टमी के दिन पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और ध्यान रखें कि जल शीतल होना चाहिए। इस उपाय के पीछे अध्यात्मिक व वैज्ञानिक दोनों कारण हैं। शीतल जल ग्रीष्म ऋतू का संकेत है और इससे मनुष्य का शरीर कई प्रकार के रोग से दूर रहता है।

  • ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि व्यक्ति को शीतला अष्टमी के नया झाड़ू और सूप घर लेकर आना चाहिए। साथ ही इस शुभ दिन पर परिवार के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए मुख्य द्वार के दोनों ओर दो हल्दी से स्वस्तिक बनाना चाहिए। मान्यता है कि हल्दी का प्रयोग करने से आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही स्वस्तिक बनाने से माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं.

  • शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला की उपासना विधि-विधान से करें और उन्हें अर्पित किए गए जल से साधक अपनी आंखें दो लें। माना जाता है कि ऐसा करने से आंखों से संबंधित समस्या कम हो जाती है। इसके साथ सुबह या संध्या पूजा के समय 'ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः' मंत्र का जाप कम से कम 108 बार जरूर करें।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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