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    Shardiya Navratri 2023: कल घट स्थापना के समय न भूलें ये जरूरी सामान, यहां पढ़ें सामग्री लिस्ट

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Sat, 14 Oct 2023 10:51 AM (IST)

    Ghat Sthapana Samagri List नवरात्र की अवधि में साधक माता रानी विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए माता दुर्गा के नौ रूपों की आराधना और उपवास करते हैं। धार्मिक मान्यातओं के अनुसार पूरे विधि-विधान के साथ कलश स्थापना करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और माता रानी की कृपा से साधक को मनोवांछित फल प्राप्त होता है।

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    Navratri Kalash Sthapana List यहां पढ़ें घट स्थापना की जरूरी सामग्री लिस्ट।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Navratri Kalash Sthapana 2023: हर साल में दो नवरात्र आती हैं। पहली नवरात्र चैत्र मास में पड़ती हैं, जिसे चैत्र भी कहा जाता है। वहीं दूसरी नवरात्रि आश्विन मास में मनाई जाती है जिन्हें शारदीय नवरात्र कहते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर, रविवार के दिन हो रही है। घट स्थापना के बाद ही मां दुर्गा की पूजा प्रारंभ होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कलश स्थापना के समय जरूरी सामग्री की लिस्ट।

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    इस शुभ मुहूर्त में करें घट स्थापना (Ghat Sthapana shubh muhurat)

    शारदीय नवरात्र पर घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 21 मिनट से सुबह 10  बजकर 12 मिनट तक रहेगा। साथ ही, घट स्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से 12:30 मिनट तक रहेगा।

    जरूरी सामग्री लिस्ट (Ghat Sthapana Samrgi List)

    • कलश (मिट्टी, सोना, चांदी या तांबे), मौली, आम के पत्ते की डाली, रोली, गंगाजल, सिक्का, गेहूं या अक्षत (अखंडित चावल)
    • ज्वार बोने के लिए - मिट्टी का बर्तन, साफ मिट्टी, गेहूं या जौ, एक साफ कपड़ा, जल और कलावा
    • अखंड ज्योत के लिए - पीतल या मिट्टी का दीपक, घी, रूई की बत्ती, रोली, अक्षत

    इस तरह करें कल (Ghat Sthapana Niyam)

    माना गया है कि शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से कलश स्थापित करने से व्यक्ति के घर-परिवार में सुख, संपन्नता बनी रहती है। मिट्टी, सोना, चांदी या तांबे के कलश द्वारा भी घट स्थापना की जा सकती है, लेकिन ध्यान रहे कि कलश कभी भी लोहे या स्टील का नहीं होना चाहिए। घट स्थापना से पहले उस स्थान को अच्छी तरह से साफ करे लें जहां कलश स्थापना की जाएगी।

    इसके बाद उस स्थान पर गंगाजल का छिड़काव करें। फिर उस स्थान पर हल्दी से अष्टदल बनाएं। इसके बाद कलश में शुद्ध जल लेकर उसमें हल्दी, अक्षत, लौंग, सिक्का, इलायची, पान और फूल डालकर कलश के ऊपर रोली से स्वास्तिक बनाएं। आखिर में कलश की स्थापना के दौरान मां भगवती का आह्वान करें।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'