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    Shardiya Navratri 2023 Day 9: महानवमी के दिन पूजा के समय जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, पूरी होगी मनचाही मुराद

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 22 Oct 2023 07:05 PM (IST)

    मां सिद्धिदात्री के मुख मंडल पर तेजोमय आभा झलकती है। इस तेज से समस्त लोकों का कल्याण होता है। मां चार भुजा धारी हैं। मां कमल पर आसीन हैं और सिंह सवारी है। मां के एक हस्त में सुदर्शन चक्र तो दूसरे में गदा है। तीसरे में शंख तो चौथे में कमल का पुष्प है। ममतामयी मां अपने भक्तों के सभी दुख हर लेती हैं।

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    Shardiya Navratri 2023 Day 9: महानवमी के दिन पूजा के समय जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, पूरी होगी मनचाही मुराद

    र्म डेस्क, नई दिल्ली | Shardiya Navratri 2023 Day 9: शारदीय नवरात्र की महानवमी तिथि पर जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा उपासना की जाती है। शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री की महिमा का विस्तार से वर्णन है। शिव पुराण में वर्णित है कि भगवान शिव ने सिद्धि प्राप्ति हेतु मां सिद्धिदात्री की उपासना की थी। धार्मिक मत है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से साधक को शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है। साथ ही साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। अत साधक श्रद्धा भाव से मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त दुख और संकट से निजात पाना चाहते हैं, तो महानवमी तिथि पर विधि विधान से मां सिद्धिदात्री की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय ये व्रत कथा जरूर पढ़ें-

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    यह भी पढ़ें- महानवमी पर 'सर्वार्थ सिद्धि योग' का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा अक्षय फल

    व्रत कथा

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि चिर काल में जब सृष्टि में कुछ भी विद्यमान नहीं था। चारों तरफ केवल अंधेरा ही अंधेरा था। उस समय एक प्रकाश पुंज ब्रह्मांड में प्रकट हुआ। इस प्रकाश पुंज का विस्तार तेजी से होने लगा। इसी पुंज से एक देवी प्रकट हुईं। इसके बाद प्रकाश पुंज का विस्तारीकरण रुक गया। प्रकाश पुंज से प्रकट देवी, मां सिद्धिदात्री थीं। मां सिद्धिदात्री ने अपने तेज से त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश को प्रकट किया। तब मां सिद्धिदात्री ने तीनों देव को सृष्टि संचालन की आज्ञा दी। तब त्रिदेव ने मां सिद्धिदात्री की कठिन तपस्या की। कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर माता ने त्रिदेव को शक्ति और सिद्धि प्रदान की।

    मां का स्वरूप

    मां सिद्धिदात्री के मुख मंडल पर तेजोमय आभा झलकती है। इस तेज से समस्त लोकों का कल्याण होता है। मां चार भुजा धारी हैं। मां कमल पर आसीन हैं और सिंह सवारी है। मां के एक हस्त में सुदर्शन चक्र, तो दूसरे में गदा है। तीसरे में शंख तो चौथे में कमल का पुष्प है। ममतामयी मां अपने भक्तों के सभी दुख हर लेती हैं। साथ ही सभी प्रकार के सुख प्रदान करती हैं।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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