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    Navratri 2023 Day 4: इन चमत्कारी मंत्रों और आरती से करें मां कुष्मांडा को प्रसन्न, दुख और संकट हो जाएंगे दूर

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 17 Oct 2023 02:34 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि मां कुष्मांडा की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही आय और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। साधक श्रद्धा भाव से मां की पूजा-उपासना करते हैं। अगर आप भी सूर्य लोक की अधिष्ठात्री मां कुष्मांडा की कृपा के भागी बनना चाहते हैं तो पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करें।

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    Shardiya Navratri 2023 Day 4: इन चमत्कारी मंत्रों और आरती से करें मां कूष्मांडा को प्रसन्न

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Shardiya Navratri 2023 Day 4: सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस वर्ष 15 अक्टूबर से लेकर 23 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्रि है। नवरात्रि के चौथे दिन विधि विधान से मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु व्रत उपवास रखा जाता है। साधक सुविधा अनुसार निर्जला या फलाहार उपवास रखते हैं। धार्मिक मत है कि मां कुष्मांडा की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही आय और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। साधक श्रद्धा भाव से मां की पूजा-उपासना करते हैं। अगर आप भी सूर्य लोक की अधिष्ठात्री मां कुष्मांडा की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करें। साथ ही इस चमत्कारी आरती से मां को प्रसन्न करें।

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    शुभ मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की चतुर्थी तिथि 19 अक्टूबर (अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार) को देर रात 01 बजकर 12 मिनट तक है। इसके पश्चात, पंचमी तिथि शुरू होगी। इस दिन आयुषमान और सौभाग्य समेत कई शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में मां कुष्मांडा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

    बीज मंत्र

    ऐं ह्री देव्यै नम:

    स्तुति मंत्र

    या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कुष्माण्डा रूपेण संस्थिता।

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

    प्रार्थना

    सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

    दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

    ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

    दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

    यह भी पढ़ें- नवरात्रि के चौथे दिन इस विधि से करें मां कूष्मांडा की पूजा, सभी संकटों से मिलेगी निजात

    मां कुष्मांडा की आरती

    कुष्मांडा जय जग सुखदानी।

    मुझ पर दया करो महारानी॥

    पिगंला ज्वालामुखी निराली।

    शाकंबरी मां भोली भाली॥

    कुष्मांडा जय जग सुखदानी।

    लाखों नाम निराले तेरे।

    भक्त कई मतवाले तेरे॥

    भीमा पर्वत पर है डेरा।

    स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥

    कुष्मांडा जय जग सुखदानी।

    सबकी सुनती हो जगदम्बे।

    सुख पहुंचती हो मां अम्बे॥

    तेरे दर्शन का मैं प्यासा।

    पूर्ण कर दो मेरी आशा॥

    कुष्मांडा जय जग सुखदानी।

    मां के मन में ममता भारी।

    क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥

    तेरे दर पर किया है डेरा।

    दूर करो मां संकट मेरा॥

    कुष्मांडा जय जग सुखदानी।

    मेरे कारज पूरे कर दो।

    मेरे तुम भंडारे भर दो॥

    तेरा दास तुझे ही ध्याए।

    भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥

    कुष्मांडा जय जग सुखदानी

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।