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    Navratri Durga Saptashati Mantra: शारदीय नवरात्र में करें दुर्गा सप्तशती के इस मंत्रों का जाप, हर दुख दर्द से मिलेगा छुटकारा

    Navratri Durga Saptashati Mantraनवरात्र पर मां दुर्गा की आराधना उपासना करने के साथ-साथ दुर्गा सप्तशती के इन मंत्रों का भी जाप करना चाहिए। माना जाता है कि इन मंत्रों का जाप करने से दुर्गा मां की असीम कृपा प्राप्त होती है।

    By JagranEdited By: Shivani SinghUpdated: Mon, 26 Sep 2022 10:25 AM (IST)
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    Navratri Durga Saptashati Mantra: शारदीय नवरात्र में करें दुर्गा सप्तशती के इस मंत्रों का जाप

    नई दिल्ली, Navratri 2022 Durga Saptashati Mantra: शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। मां दुर्गा का आगमन हो चुका है। इस बार पूरे नौ दिनों के नवरात्र मनाए जा रहे हैं। इस दौरान मां दुर्गा के नौ अवतारों की विधिवत पूजा करने के साथ गणेश जी के प्रतीक के रूप में रखें गए कलश की पूजा की जाएगी। इसके साथ ही नियमित रूप से दुर्गा चालीसा, दुर्गा जी के मंत्रों के साथ-साथ श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया जाएगा। इसके साथ ही हर काम किी पूर्ति के लिए दुर्गा सप्तशती के इन मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए। इससे सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

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    दुर्गा सप्तशती मंत्र पढ़ने से लाभ

    शास्त्रों के अनुसार, नलरात्र के दौरान दुर्गा सप्तशती मंत्र का जाप करने से घर के साथ-साथ मन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है। शरीर में अलग ही ऊर्जा का प्रवाह होता है। जिसके कारण दिमाग से नकारात्मक विचार बाहर निकल जाता है। इसके साथ ही रोग, दोष और भय से भी छुटकारा मिल जाता है।

    दुर्गा सप्तशती के महत्वपूर्ण मंत्र

    कल्याणकारी मंत्र

    सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।

    शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते।

    आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्ति का मंत्र

    देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।

    रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।

    रक्षा के लिए मंत्र

    शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।

    घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च।।

    रोग को दूर करने के लिए मंत्र

    रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।

    त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।

    विपत्ति को दूर करने और शुभता के लिए मंत्र

    करोतु सा न: शुभहेतुरीश्वरी

    शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापद:।

    शक्ति प्राप्ति मंत्र

    सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि।

    गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोस्तु ते।।

    PIC CREDIT- Freepik

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'