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    Shani Pradosh Vrat 2023: शनि प्रदोष व्रत दिलाता है शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति, जानिए शुभ मुहूर्त

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Thu, 29 Jun 2023 11:47 AM (IST)

    Shani Pradosh Vrat 2023 जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय व्याप्त होती है उसी दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है। प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है। जब प्रदोष का दिन शनिवार को पड़ता है तो इसे शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रत करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है।

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    Shani Pradosh Vrat 2023 शनि प्रदोष व्रत कब है।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Shani Pradosh Vrat 2023: हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक मास के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 1 जुलाई को है। प्रदोष काल में देवों के देव महादेव और शनि देव की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि शनि त्रयोदशी का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं शनि प्रदोष पूजा का मुहूर्त क्या है।

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    क्या है शनि प्रदोष व्रत महत्व

    भगवान शिव को शनिदेव का गुरू माना गया है। इसलिए शनि संबंधी दोष दूर करने और शनिदेव की शांति के लिए शनि प्रदोष का व्रत करने की सलाह दी जाती है। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष काल में शिव जी साक्षात शिवलिंग में प्रकट होते हैं और इसीलिए इस समय शिव जी की पूजा का विशेष फल मिलता है। इस दिन दशरथकृत शनि स्त्रोत का पाठ करने शनि की महादशा से राहत मिलती है।

    जानिए शुभ मुहूर्त

    प्रदोष पूजा का मुहूर्त शाम 07 बजकर 23 मिनट से 09 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। त्रयोदशी तिथि का प्रारम्भ सुबह 1 जुलाई को 01 बजकर 16 मिनट से हो रहा है। वहीं त्रयोदशी तिथि का समापन रात 11 बजकर 07 मिनट पर होगा।

    जानें शनि प्रदोष व्रत पूजा विधि

    प्रदोष व्रत की पूजा के लिए प्रदोष काल यानी शाम का समय शुभ माना जाता है। लेकिन सुबह शिव के समक्ष व्रत का संकल्प लेकर शिव मंदिर में पूजा करें फिर सूर्यास्त से एक घंटे पहले, भक्त स्नान के बाद गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल आदि से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। भोलेनाथ को बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, आदि अर्पित करना शुभ होता है। इसके बाद विधिपूर्वक पूजन और आरती करनी चाहिए।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'