Shani Jayanti 2023: शनि देव की पूजा से पहले जान लीजिए कुछ महत्व बातें, अन्यथा करना पड़ सकता है क्रोध का सामना
Shani Jayanti 2023 प्रत्येक वर्ष शनि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन शनि जयंती मनाई। इस विशेष दिन पर शनि देव की उपासना करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और व्यक्ति को जीवन में सुख समृद्धि मिलती है।

नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Shani Jayanti 2023: वेद एवं ज्योतिष शास्त्र में शनि देव की महिमा को विस्तार से बताया गया है। ज्योतिष में शनि देव को न्याय के देवता बताया गया है, जो सभी लोगों के कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। ऐसे में शनि जयंती शुभ अवसर पर शनि देव की उपासना करने से जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं।
ज्योतिष पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष शनि जयंती पर्व ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन शनि देव की उपासना करने से कुछ विशेष नियमों का पालन करने से शनि महाराज की कृपा दृष्टि साधक पर बनी रहती है। जिन जातकों की कुंडली में शनि दोष, ढैय्या या शनि की साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव पड़ रहा है। उन्हें आज के दिन पूजा-पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। आइए जानते हैं, शनि देव की पूजा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम।
शनि जयंती के दिन पूजा के समय रखें इन बातों का ध्यान
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ज्योतिष शास्त्र में दिशा का विशेष महत्व है। इसमें बताया गया है कि शनि देव की पूजा हमेशा पूर्व दिशा की मुख करनी चाहिए। वहीं शनि देव पश्चिम दिशा के स्वामी हैं, इसलिए इस दिशा में भी पूजा की जा सकती है।
शनि देव की उपासना के समय धातु का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। इसलिए उनकी पूजा में लोहे के धातु का प्रयोग शुभ माना जाता है। यह धातु शनि देव को बहुत ही प्रिय है।
शनि देव की पूजा में नीला या काले रंग का वस्त्र धारण करने से शुभ फल प्राप्त होता है। वहीं पूजा के समय शनि देव को सरसों का तेल अवश्य अर्पित करें। माना जाता है कि ऐसा करने से शनि देव की कृपा दृष्टि साधक पर बनी रहती है।
पूजा के समय इस बात का ध्यान रखें कि साधक प्रतिमा की आंख से आंख मिलाकर पूजा भूलकर भी ना करें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है और इससे शनि क्रोधित हो जाते हैं। इसलिए पूजा की अवधि में शनि देव के चरणों में देखकर पूजा करें।
शनि देव को तिल सर्वाधिक प्रिय है। इसलिए आज के दिन भगवान को काले तिल से बना लड्डू अवश्य भोग लगाएं। इसके साथ शनि देव को खिचड़ी भी बहुत प्रिय। इसलिए खिचड़ी का भोग भी लगाया जा सकता है।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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