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    Sawan 2024 Somwar: सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय करें इन मंत्रों का जप, आर्थिक तंगी से मिलेगी निजात

    पंचांग के अनुसार वर्ष 2024 में सावन के महीने की शुरुआत 22 जुलाई से होगी। वहीं इसका समापन 19 अगस्त को होगा। इस दौरान पड़ने वाले सोमवार का बेहद खास महत्व है क्योंकि महादेव को यह दिन समर्पित है। अगर आप शिव जी को प्रसन्न करना चाहते हैं सावन सोमवार के दिन शिवलिंग का इन मंत्रो के जप के साथ दूध दही समेत आदि चीजों से अभिषेक करें।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Thu, 18 Jul 2024 06:30 AM (IST)
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    Sawan 2024 Somwar: सावन सोमवार पर करें महादेव की पूजा

    धर्म डेक्स, नई दिल्ली। Sawan 2024 Somwar Mantra: सभी माह में सावन के महीने को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह महीना देवों के देव महादेव को अति प्रिय है। इस माह में सोमवार के दिन विधिपूर्वक भगवान शिव के संग मां पार्वती की पूजा करने का विधान है। साथ ही मनचाहे की वर की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मत है कि ऐसा करने से जातक के जीवन के दुख और दर्द दूर होते हैं और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा घर में सदैव सुख-शांति बनी रहती है। इस बार 21 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा है। इसके अगले दिन से सावन का महीना शुरू होगा। सावन महीने के प्रथम दिन ही सोमवार है।

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    शिव जी के इन मंत्रों का करें जप

    • ‘ऊँ अघोरेभ्यो अथघोरेभ्यो, घोर घोर तरेभ्यः। सर्वेभ्यो सर्व शर्वेभ्यो, नमस्ते अस्तु रूद्ररूपेभ्यः’।।
    • ‘ऊँ शं शंकराय भवोद्भवाय शं ऊँ नमः’
    • ‘ऊँ शं शिवाय शं ऊँ नमः’
    • ‘नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं’।।
    • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥’
    • निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाश माकाश वासं भजेऽहं’।।
    • ऊँ शं विश्वरूपाय अनादि अनामय शं ऊँ’
    • ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय’।।
    • श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्रमात्रं जपेन्नरः। दुःस्वप्नं न भवेत्तत्र सुस्वप्नमुपजायते।।

    शिवा नमस्काराथा मंत्र

    ॐ नमो हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय

    हिरण्यपतए अंबिका पतए उमा पतए पशूपतए नमो नमः

    ईशान सर्वविद्यानाम् ईश्वर सर्व भूतानाम् ब्रह्मादीपते

    ब्रह्मनोदिपते ब्रह्मा शिवो अस्तु सदा शिवोहम

    तत्पुरुषाय विद्महे वागविशुद्धाय धिमहे तन्नो शिव प्रचोदयात्

    महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धिमहे तन्नों शिव प्रचोदयात्

    नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय महादेवाय त्र्यंबकाय त्रिपुरान्तकाय त्रिकाग्नी

    कालाय कालाग्नी रुद्राय नीलकंठाय मृत्युंजयाय

    सर्वेश्वराय सदशिवाय श्रीमान महादेवाय नमः

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।