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    Sawan Kalashtami Vrat 2022: सावन माह की कालाष्टमी आज, इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें बाबा काल भैरव की पूजा

    Sawan Kalashtami Vrat 2022 पंचांग के अनुसार हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। आज के दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने का विधान है। जानिए कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और भगवान काल भैरव का मंत्र

    By Shivani SinghEdited By: Updated: Wed, 20 Jul 2022 09:49 AM (IST)
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    Sawan Kalashtami Vrat 2022: सावन माह की कालाष्टमी आज, इस शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    नई दिल्ली, Sawan Kalashtami Vrat 2022: पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बाबा काल भैरव की पूजा करने का विधान है। इस बार सावन में कालाष्टमी व्रत पड़ रहा है। ऐसे में इस व्रत का और अधिक महत्व बढ़ गया है। माना जाता है कि आज के दिन बाबा काल भैरव की पूजा करने से हर तरह के रोग, दोष और पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर निकल जाती है। जानिए सावन कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

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    सावन कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त

    सावन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी प्रारंभ- सुबह 7 बजकर 37 मिनट से शुरू

    सावन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी समाप्त- 21 जुलाई को सुबह 8 बजकर 12 मिनट तक

    सुकर्मा योग - 19 जुलाई दोपहर 1 बजकर 43 मिनट से 20 जुलाई दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक

    धृति योग - 20 जुलाई दोपहर 12 बजकर 42 मिनट से 21 जुलाई दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक

    सावन कालाष्टमी की पूजा विधि

    • आज स्नान आदि करके साफ वस्त्र पहन लें।
    • दिनभर काल भैरव का स्मरण करते रहें।
    • काल भैरव को हल्दी या कुमकुम का तिलक लगाकर इमरती, पान, नारियल आदि चीजों का भोग लगाएं।
    • चौमुखी दीपक जलाकर कालभैरव की आरती करें।
    • रात के समय काल भैरव के मंदिर जाकर धूप, दीपक जलाने के साथ काली उड़द, सरसों के तेल से पूजा कर लें।
    • इसके बाद भैरव चालीसा, शिव चालीसा का पाठ करें।
    • बटुक भैरव पंजर कवच का पाठ करना भी शुभ होगा।
    • आज के दिन काले कुत्ते को मीठी चीजें खिलाना शुभ माना जाता है। इसलिए आज के दिन कुत्ते को मीठी रोटी ही खिला सकते हैं।

    काल भैरव मंत्र

    धर्मध्वजं शङ्कररूपमेकं शरण्यमित्थं भुवनेषु सिद्धम्।

    द्विजेन्द्र पूज्यं विमलं त्रिने

    त्रं श्री भैरवं तं शरणं प्रपद्ये।।

    Pic Credit- isntagram/_banaras_wale_

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'