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    Mangala Gauri Aarti: आज पूजा के बाद करें मां मंगला गौरी की आरती, यह है महागौरी का मंत्र

    By Kartikey TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 14 Jul 2020 07:33 AM (IST)

    Mangala Gauri Aarti आज सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत है। पूजा के दौरान मां महागौरी के मंत्र का उच्चारण और मंगला गौरी की आरती करें।

    Mangala Gauri Aarti: आज पूजा के बाद करें मां मंगला गौरी की आरती, यह है महागौरी का मंत्र

    Mangala Gauri Aarti: आज सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत है। आज के दिन मां मंगला गौरी यानी माता पार्वती की पूजा करने का विधान है। आज के दिन अखंड सौभाग्य की कामना से विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और मां मंगला गौरी की पूजा करती हैं। पूजा के दौरान मां महागौरी के मंत्र का उच्चारण और मंगला गौरी की आरती भी की जाती है। आइए जानते हैं मंगला गौरी की आरती और महागौरी मंत्र के बारे में।

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    महागौरी मंत्र

    आज जब आप मंगला गौरी की पूजा करें, तो उस समय महगौरी मंत्र का उच्चारण करें।

    सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके।

    शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

    मंगला गौरी की आरती

    पूजा के अंत में माता मंगला गौरी की आरती करें और आखिर में कर्पूरगौरं मंत्र का उच्चारण करें।

    जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता

    ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता। जय मंगला गौरी...।

    अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता,

    जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय मंगला गौरी...।

    सिंह को वाहन साजे कुंडल है,

    साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था। जय मंगला गौरी...।

    सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता,

    हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता। जय मंगला गौरी...।

    शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता,

    सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता। जय मंगला गौरी...। 

    सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराताए

    नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता। जय मंगला गौरी...।

    देवन अरज करत हम चित को लाता,

    गावत दे दे ताली मन में रंगराता। जय मंगला गौरी...।

    मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता

    सदा सुख संपति पाता।

    जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।

    कर्पूरगौरं मंत्र

    कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।

    सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।

    मंगला गौरी का व्रत और पूजन करने वालों को मंगला गौरी की व्रत कथा का पाठ करना चाहिए। पूजा में 16 अंक की प्रमुखता होती है- जैसे माता के लिए 16 श्रृंगार की सामग्री, 16 फूल, 16 प्रकार के फल, मिठाई आदी। श्रृंगार की सामग्री में चूड़ी, सिंदूर, बिंदी, मेंहदी, साड़ी आदि शामिल होता है।    

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