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    28 जुलार्इ से शुरू होने वाला है सावन माह जान ले वो खास बातें जिनसे शिव होंगे प्रसन्न

    By Molly SethEdited By:
    Updated: Sat, 28 Jul 2018 09:55 AM (IST)

    इस साल सावन माह की शुरूआत 28 जुलार्इ से होने जा रही है। सारी तैयारियां कर लें। साथ ही जान लें इस बार कितने सोमवार पड़ेंगे आैर पूजा से जुड़ी कुछ खास बा ...और पढ़ें

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    28 जुलार्इ से शुरू होने वाला है सावन माह जान ले वो खास बातें जिनसे शिव होंगे प्रसन्न

    चार सोमवार पड़ेंगे इस बार 

    इस साल वैसे तो सावन महीने की शुरुआत 27 जुलाई 2018 से हो जायेगी, लेकिन उदया तिथि में सावन का पहला दिन 28 जुलाई 2018 को पड़ेगा इसलिए वास्तविक सावन का आरंभ तभी से माना जाएगा। इसके बाद 26 अगस्त 2018 को सावन मास का आखिरी दिन होगा। 26 अगस्त को रविवार पड़ रहा है, इसलिए सावन का आखिरी सोमवार 20 अगस्त को होगा यानि इस महीने में अबकी बार 4 सोमवार पड़ेंगे। इस प्रकार जो लोग सावन में सोमवार का व्रत रखते हैं उन्हें सिर्फ चार दिन ही व्रत रखने होंगे। सावन की कुछ महत्वपूर्ण तिथियां ये हैं- 28 जुलाई 2018 को सावन मास आरंभ , 30 जुलाई 2018 को सावन का पहला सोमवार व्रत 6 अगस्त 2018 को दूसरा सोमवार व्रत, 13 अगस्त 2018 को तीसरा सोमवार व्रत आैर 20 अगस्त 2018 को सावन माह  का  चौथा आैर अंतिम सोमवार व्रत।

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    पूजा में स्वीकृत आैर निषिद्घ पुष्प 

    सावन का महीने में देवों के देव महादेव भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस अवधि में उनकी पूजा अर्चना करने से मनुष्‍य की सभी इच्‍छाओं की पूर्ति होती है। एेसे में आज जानें की शिव पूजन के इस माह में आप उन पर कौन से पुष्प अर्पित कर सकते हैं आैर कौन से नहीं साथ ही उनसे मिलते हैं कौन से आर्शिवाद। कहते हैं कि 1- धतूरे के पुष्‍प शिव को अर्पित करने से पुत्र की प्राप्ति होती है। 2- अकौड़े के फूल शिव को अर्पण करने से दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है। 3- एक लाख बिल्‍वपत्र अर्पित करने से हर इच्छित वस्‍तु की प्राप्ति होती है। 4- जवाकुसुम से शत्रु का नाश होता है। 5- बेला से सुंदर सुयोग्‍य पत्‍नी की प्राप्ति होती है। 6- हरसिंगार से सुख संपत्ति की प्राप्ति होती है। 7- दुपाहरिया के पुष्‍प से आभूषणों की प्राप्ति होती है। 8- आक, अलसी और शमी पत्र से मोक्ष की प्राप्ति होती है। 9- शंखपुष्‍प से लक्ष्‍मी की प्राप्ति होती है। जबकि 10- तुलसी, चंपा और केवड़ा के पुष्‍प शिव पूजन में निषिद्घ हैं।