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Saraswati Puja 2021 Date: आज है सरस्वती पूजा, जानें सही तारीख, मुहूर्त एवं महत्व

Saraswati Puja 2021 Date हिन्दू धर्म में सरस्वती पूजा का विशेष महत्व है। ज्ञान वाणी बुद्धि वि​वेक विद्या और सभी कलाओं से परिपूर्ण मां सरस्वती की इस दिन पूजा हाती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन सरवती पूजा होती है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2021 11:53 AM (IST)Updated: Tue, 16 Feb 2021 04:38 AM (IST)
Saraswati Puja 2021 Date: आज है सरस्वती पूजा, जानें सही तारीख, मुहूर्त एवं महत्व
Saraswati Puja 2021 Date: आज है सरस्वती पूजा, जानें सही तारीख, मुहूर्त एवं महत्व

Saraswati Puja 2021 Date: हिन्दू धर्म में सरस्वती पूजा का विशेष महत्व है। ज्ञान, वाणी, बुद्धि, वि​वेक, विद्या और सभी कलाओं से परिपूर्ण मां सरस्वती की इस दिन पूजा हाती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन सरवती पूजा होती है। इसे वसंत पंचमी, ज्ञान पंचमी या श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष सरस्वती पूजा आज 16 फरवरी दिन मंगलवार को है। जागरण अध्यात्म में आज हम जानते हैं सरस्वती पूजा के सही मुहूर्त और महत्व के बारे में।

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सरस्वती पूजा 2021 का मुहूर्त

इस वर्ष वसंत पंचमी के दिन आज सरस्वती पूजा 16 फरवरी को सुबह 06:59 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक कर सकते हैं। इस दिन आपको पूजा के लिए कुल 05 घंटे 37 मिनट का समय मिल रहा है। ऐसे में आपको इस दिन स्नान आदि से निवृत होकर सफेद या पीले वस्त्र पहनकर विधि विधान से सरस्वती पूजा करनी चाहिए।

सरस्वती पूजा 2021 की तिथि

इस साल माघ शुक्ल पंचमी तिथि 16 फरवरी को प्रात: 03:36 बजे से शुरू हो रही है। यह अगले दिन 17 फरवरी को प्रात: 05:46 बजे तक रहेगी।

सरस्वती पूजा का महत्व

कहा जाता है कि माघ शुक्ल पंचमी के दिन ही सरस्वती माता प्रकट हुई थीं, इसलिए इस तिथि को हर वर्ष सरस्वती पूजा मनाई जाती है। इस दिन लोग अपने बच्चों की शिक्षा प्रारंभ कराते हैं, अक्षर ज्ञान कराते हैं। यह दिन संगीत, कला आदि के ज्ञान अर्जन का शुभारंभ करने के लिए भी उत्तम होता है। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन सरस्वती पूजा करने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को ज्ञान, संगीत, कला आदि में निपुण होने का आशीष देती हैं।

सरस्वती पूजा के समय माता को पीले रंग के फूल, पीले रंग के मिठाई, पीले वस्त्र आदि अर्पित करना शुभ माना जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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