Saphala Ekadashi 2022: भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए करें श्री विष्णु स्तोत्र का पाठ
Saphala Ekadashi 2022 सनातन धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष आराधना की जाती है और उनसे सुख-समृद्धि की प्रार्थना की जाती है। इस दिन श्री विष्णु स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को लाभ मिलता है।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Saphala Ekadashi 2022, Shri Vishnu Stotram Lyrics: पौष कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु को समर्पित सफला एकादशी व्रत रखा जाता है। यह व्रत पूर्ण श्रद्धाभाव से आज यानि 19 दिसंबर (Saphala Ekadashi 2022 Date) के दिन रखा जा रहा है। मान्यता है कि सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से भक्तों के सभी दुःख दूर हो जाते हैं और सफलता पूर्वक व्रत का पालन करने से भक्तों को नाम के अनुरूप जीवन में सफलता प्राप्त होती है। शास्त्रों में भी यह बताया गया है कि एकादशी व्रत के समान और कोई व्रत नहीं होता है। जो व्यक्ति इस व्रत को सफलतापूर्वक रखता है, उसे मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है।
वेदों में भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के कई लिए कई मंत्र वर्णित किए गए हैं। जिनका शुद्ध उच्चारण करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। आज के दिन भगवान विष्णु को समर्पित श्री विष्णु स्तोत्र का पाठ निश्चित रूप से करें।
श्री विष्णु स्तोत्र (Shri Vishnu Stotram Lyrics in Hindi)
किं नु नाम सहस्त्राणि जपते च पुन: पुन: ।
यानि नामानि दिव्यानि तानि चाचक्ष्व केशव: ।।1।।
मत्स्यं कूर्मं वराहं च वामनं च जनार्दनम् ।
गोविन्दं पुण्डरीकाक्षं माधवं मधुसूदनम् ।।2।।
पदनाभं सहस्त्राक्षं वनमालिं हलायुधम् ।
गोवर्धनं ऋषीकेशं वैकुण्ठं पुरुषोत्तमम् ।।3।।
विश्वरूपं वासुदेवं रामं नारायणं हरिम् ।
दामोदरं श्रीधरं च वेदांग गरुड़ध्वजम् ।।4।।
अनन्तं कृष्णगोपालं जपतो नास्ति पातकम् ।
गवां कोटिप्रदानस्य अश्वमेधशतस्य च ।।5।।
कन्यादानसहस्त्राणां फलं प्राप्नोति मानव: ।
अमायां वा पौर्णमास्यामेकाद्श्यां तथैव च ।।6।।
श्री विष्णु स्तोत्र के पाठ का महत्व (Shri Vishnu Stotram Benefits)
धार्मिक मान्यता है कि श्री विष्णु स्तोत्र का शुद्ध उच्चारण करने से भक्तों को धन, स्वास्थ्य, भाग्य व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए इस स्तोत्र को पूर्ण रूप से सहायक माना जाता है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण-श्रद्धाभाव से इस स्तोत्र का पाठ करता है, उसे नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है और वह सभी दुविधाओं से मुक्त हो जाता है।
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