Santan Saptami 2020 Puja: संतान प्राप्ति, उन्नति एवं कुशलता के लिए करें यह पूजा, जानें विधि
Santan Saptami 2020 Puja आज के दिन माता-पिता दोनों या फिर दोनों में से कोई एक व्यक्ति संतान सप्तमी का व्रत एवं पूजा कर सकता है।
Santan Saptami 2020 Puja: हिंदी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को संतान सप्तमी का व्रत किया जाता है। इस वर्ष संतान सप्तमी आज 24 अगस्त को है। आज के दिन भगवान शिव और माता गौरी की विधि विधान से पूजा की जाती है। वे प्रसन्न होकर भक्तों को संतान प्राप्ति, उसकी रक्षा और उन्नति व कुशलता का आशीर्वाद देते हैं। आइए जानते हैं कि संतान सप्तमी की पूजा विधि, मुहूर्त आदि क्या है।
संतान सप्तमी व्रत मुहूर्त
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि का प्रारंभ 24 अगस्त को तड़के 02 बजकर 02 मिनट से हुआ है, जो आज रात 11 बजकर 51 मिनट तक है।
संतान सप्तमी व्रत का महत्व
आज के दिन माता-पिता दोनों या फिर दोनों में से कोई एक व्यक्ति संतान सप्तमी का व्रत एवं पूजा कर सकता है। वे भगवान शिव और माता गौरी से अपनी संतान की सुरक्षा और उन्नति का वरदान मांगते हैं, वहीं नि:संतान दंपत्ति संतान की कामना से यह व्रत और पूजा करते हैं।
संतान सप्तमी पूजा विधि
स्नान आदि के बाद भगवान शिव और माता गौरी को साक्षी मानकर व्रत एवं पूजा का संकल्प करें। इसके बाद दोपहर के समय शिव और गौरी की पूजा करें। पूजा स्थान पर चौक बनाकर शिव और गौरी की स्थापना करें। इसके बाद वहां एक कलश स्थापित करें। फिर धूप, दीप, नेवैद्य, फल, पुष्प आदि भगवान शिव और माता गौरी को अर्पित करें। इसके बाद 7 मीठी पूड़ी, कलावा आदि भगवान शिव और माता पार्वती को चढ़ाएं। इसके पश्चात एक रक्षा सूत्र अपनी संतान को बांध दें। अब संतान सप्तमी की कथा सुनें। अंत में भगवान शिव और माता गौरी की आरती करें। अंत में उन 7 मीठी पूड़ी में से ही स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें तथा पारण कर व्रत को पूरा करें। पूजा के समय अर्पित की वस्तुओं को किसी ब्राह्मण को दान कर दें।