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    Shri Ganesh Stotra: आज संध्या पूजा में जरूर करें गणपति जी के इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Wed, 15 Feb 2023 12:56 PM (IST)

    Shri Ganesh Stotra बुधवार का दिन भगवान गणेश जी की उपासना के लिए समर्पित है। इस दिन पूजा-पाठ करने से और भगवान गणेश के प्रिय मंत्रों का जाप करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं और भक्तों को विशेष लाभ मिलता है।

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    Sankata Nashak Shri Ganesh Stotra: इस स्तोत्र के जाप से पाएं सभी समस्याओं से छुटकारा।

    नई दिल्ली, अध्यात्मिक डेस्क | Sankata Nashak Shri Ganesh Stotra: गौरीपुत्र, गजानन, लंबोदर, विघ्नहर्ता इत्यादि जैसे अनेकों नाम से प्रख्यात भगवान गणेश को हिन्दू धर्म में प्रथम देवता के रूप में पूजा जाता है। साथ ही किसी भी मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले सर्वप्रथम इनकी पूजा अवश्य की जाती है। आज बुधवार का दिन है जो भगवान गणेश की विशेष पूजा के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और धन-धान्य एवं आरोग्यता की प्राप्ति होती है। धार्मिक वेद-ग्रंथों में भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र दिए गए हैं, जिनका उच्चारण करने से साधक को लाभ मिलता है। इन सभी में संकटनाशन गणेश स्तोत्र को बहुत ही चमत्कारी माना जाता है और इसके जाप से नाम के अनुरूप आने वाले सभी संकटों से मुक्ति मिल जाती है।

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    संकटनाशन गणेश स्तोत्र

    प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् ।

    भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ।।

    प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् ।

    तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ।।

    लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च ।

    सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम् ।।

    नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम् ।

    एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन् ।।

    द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः ।

    न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो ।।

    विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।

    पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम् ।।

    जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते ।

    संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः ।।

    अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते ।

    तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ।।

    इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं संपूर्णम् ।।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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