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    Sakat Chauth 2023: सकट चतुर्थी पर जरूर करें भगवान गणेश को समर्पित इन चमत्कारी मंत्रों का जाप

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Sat, 07 Jan 2023 10:56 AM (IST)

    Sakat Chauth 2023 प्रत्येक मास के चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश को समर्पित चतुर्थी व्रत का पालन किया जाता है। वर्ष 2023 का पहला चतुर्थी व्रत 10 जनवरी के दिन रखा जाएगा। इस दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व है।

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    Sakat Chauth 2023: सकट चौथ पर जरूर करें भगवान गणेश के इन मंत्रों का जाप।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Sakat Chauth 2023: हिन्दू धर्म में भगवान गणेश की उपासना प्रथम देवता के रूप में की जाती है। प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन चतुर्थी व्रत का पालन किया जाता है। अब जब माघ माह का प्रारंभ हो रहा है तो बता दें कि इस मास में साल 2023 का पहला चतुर्थी व्रत रखा जाएगा। कृष्ण पक्ष में होने के कारण इस व्रत को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाएगा। पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 10 जनवरी 2023 सुबह 10:39 से होगा और इसका समापन 11 जनवरी 2023 को दोपहर 01:01 पर होगा। उदया तिथि के अनुसार इस व्रत को 10 जनवरी 2023 (Sankashti Chaturthi 2023 Date) के दिन रखा जाएगा।

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    मान्यता है कि चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश की उपासना करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। सकट चौथ व्रत को संकट चौथ, तिलकूट चौथ, वक्रतुंड चतुर्थी या माघी चौथ के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधिवत उपासना के साथ-साथ मंत्रों के उच्चारण को भी बहुत आवश्यक माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि मंत्रों का उच्चारण करने से देवी-देवता जल्द प्रसन्न हो जाते हैं।

    श्री गणेश मंत्र (Shri Ganesh Mantra)

    * गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं ।

    उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ।।

    * वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ: ।

    निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा ।।

    * सर्वाज्ञाननिहन्तारं सर्वज्ञानकरं शुचिम् ।

    सत्यज्ञानमयं सत्यं मयूरेशं नमाम्यहम् ।।

    * सिद्धिबुद्धि पते नाथ सिद्धिबुद्धिप्रदायिने ।

    मायिन मायिकेभ्यश्च मोहदाय नमो नमः ।।

    गणेश जी की आरती (Shri Ganesh Aarti)

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

    एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।

    माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी।।

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

    पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।

    लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा।।

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

    अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

    बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया।।

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

    'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।

    माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

    दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

    कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी।।

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।