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    Ram Navami 2023: आज है रामनवमी, जानें-शुभ मुहूर्त, राम मंत्र और पूजा विधि

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 30 Mar 2023 07:12 AM (IST)

    Ram Navami 2023 सनातन शास्त्रों में निहित है कि चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की नवमी को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ है। अतः इस तिथि को रामनवमी मनाई जाती है। इस अवसर पर देशभर में उत्स्व जैसा माहौल रहता है।

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    Ram Navami 2023: आज है रामनवमी, जानें-शुभ मुहूर्त, राम मंत्र और पूजा विधि

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Ram Navami 2023: हिंदी पंचांग के अनुसार, चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की नवमी को रामनवमी मनाई जाती है। इस प्रकार आज रामनवमी है। इस दिन चैत्र नवरात्रि की महानवमी भी है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की नवमी को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ है। अतः इस तिथि को रामनवमी मनाई जाती है। इस अवसर पर देशभर में उत्स्व जैसा माहौल रहता है। खासकर, अयोध्या में तो विशेष धूम रहती है। ज्योतिषियों की मानें तो भगवान श्रीराम का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था। इसके लिए मध्याह्न के समय में विधिवत पूजा-उपासना की जाती है। आइए, पूजा का शुभ मुहूर्त, मंत्र और विधि जानते हैं-

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    पूजा का शुभ मुहूर्त

    हिंदी पंचांग के अनुसार, रामनवमी के दिन मध्याह्न मुहूर्त दिन में 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक है। वहीं, अभिजित मुहूर्त 12 बजकर 03 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 53 मिनट तक है। इस दौरान साधक आराध्य भगवान श्रीराम की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

    1.

    ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम,

    लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !

    श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे

    रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !

    2.

    " ॐ राम ॐ राम ॐ राम

    ह्रीं राम ह्रीं राम श्रीं राम श्रीं राम

    क्लीं राम क्लीं राम।

    फ़ट् राम फ़ट् रामाय नमः।

    3.

    || नाम पाहरु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट ||

    || लोचन निजपद जंत्रित जाहि प्राण केहि बाट ||

    4.

    हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा।

    गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥

    हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।

    बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥

    5.

    'ॐ हं हनुमते श्री रामचंद्राय नम:'

    पूजा विधि

    इस दिन ब्रह्म बेला में उठें और भगवान श्रीराम को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। इसके पश्चात, नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें और आमचन कर नवीन वस्त्र धारण करें। अब पूजा गृह में चौकी पर भगवान राम संग माता जानकी, लक्ष्मण और हनुमान जी की चित्र या प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद भगवान की पूजा फल, फूल, धूप, दीप, दूर्वा, अक्षत, कुमकुम आदि चीजों से करें। भगवान श्रीराम को भोग में मिठाई और फल भेंट करें। पूजा के समय रामायण और राम चालीसा का पाठ करें। भगवान राम और माता जानकी संग हनुमान लक्ष्मण जी और हनुमान जी की पूजा अवश्य करें। अंत में आरती अर्चना कर आराध्य भगवान श्रीराम से सुख, समृद्धि, यश, कीर्ति और वैभव प्रदान करने की कामना करें।

    डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '

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