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    Puja Path Tips: पूजा-पाठ में क्या है तिलक का महत्व? जानिए इसके रूप और नियम

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Tue, 17 Jan 2023 01:59 PM (IST)

    Puja Path Tips बुधवार का दिन भगवान गणेश की पुँज के लिए समर्पित है। भगवान गणेश की पूजा प्रथम देवता के रूप में की जाती है। मान्यता है कि उनकी पूजा करने से सभी विघ्न दूर हो जाते हैं और भक्तों को विशेष लाभ मिलता है।

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    Puja Path Tips: जानिए क्या है तिलक लगाने के प्रकार और इसके नियम?

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Puja Path Tips, Benefits of Tilak: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान कई विशेष परंपराओं का पालन किया जाता है। जिसमें दीपक जलाना, पुष्प अर्पित करना, यज्ञ, अनुष्ठान इत्यादि शामिल है। किंतु इन सभी क्रियाओं में एक चीज समान है और वह है पूजा से पहले ललाट पर तिलक लगाना। बता दें कि तिलक को केवल मस्तक पर ही नहीं लगाया जाता, बल्कि इसे कंठ, नाभि, भुजा और पीठ पर भी लगाया जाता है। हालांकि, ऐसा गिने-चुने लोग ही करते हैं।

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    शास्त्रों में तिलक लगाने के पीछे कई कारण बताए गए हैं। साथ ही यह भी बताया है कि जो व्यक्ति नितदिन पूजा के समय मस्तक पर तिलक का प्रयोग करता है, उसका मन शांत और एकाग्र रहता है। वर्तमान समय में तिलक का प्रयोग तीन अलग-अलग रूप में किया जाता है। जिन्हें वैष्णव, शैव और ब्रह्म तिलक के नाम से जाना जाता है। इन तीनों रूपों का महत्व अलग और खास है। इस विषय में जाने से पहले आइए जानते हैं तिलक लगाने का नियम।

    तिलक लगाने के नियम

    शास्त्रों में बताया गया है कि व्यक्ति को बिना स्नान एवं ध्यान के तिलक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। साथ ही व्यक्ति को तिलक लगाने के बाद सोना भी नहीं चाहिए। इसके साथ पूजा के समय स्वयं पर तिलक लगाने से पहले भगवान को तिलक लगाना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि स्वयं अनामिका उंगली से ही तिलक लगाएं और यदि आप किसी दूसरे व्यक्ति के मस्तक पर तिलक लगा रहे हैं तो अंगूठे का इस्तेमाल करें।

    तिलक के तीन रूप

    शैव तिलक: इस तिलक का प्रयोग भगवान शिव के उपासक करते हैं। शैव तिलक में भक्त त्रिपुंड धारण करते हैं और इसमें काले अथवा लाल रंग के रोली का इस्तेमाल किया जाता है।

    वैष्णव तिलक: जिन भक्तों की आस्था भगवान विष्णु में होती है या उनके अवतार जैसे- श्री कृष्ण, श्री राम, भगवान नरसिंह इत्यादि की पूजा करते हैं, वह वैष्णव तिलक धारण करते हैं। इस विशेष तिलक में पीले रंग के गोपी चंदन का प्रयोग किया जाता है।

    ब्रह्म तिलक: ब्रह्म तिलक का प्रयोग विशेष रूप से पुजारी अथवा ब्राह्मणों द्वारा किया जाता है। साथ ही जो लोग भगवान ब्रह्मा की पूजा करते हैं, वह इस तिलक को धारण करते हैं। ब्रह्म तिलक में सफेद रंग की रोली का प्रयोग किया जाता है।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।