Puja Path Tips: अपशकुन माना जाता है पूजा के दौरान दीपक का बुझना, अशुभ परिणाम से बचने के लिए ये करें उपाय
Deepak ke Niyam मान्यताओं के अनुसार नियमित रूप से पूजा-पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है और बरकत भी आती है। देवी-देवताओं की पूजा करते समय दीपक जलाना जरूरी माना गया है। इसके बिना कोई भी पूजा अधूरी समझी जाती है। लेकिन अगर पूजा के दौरान दीपक अचानक बुझ जाए तो यह कुछ अशुभ संकेत भी देता है।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Deepak ka Bujhna: हिन्दू घरों में रोज सुबह शाम पूजा और आरती की जाती है। पूजा के दौरान दीपक जरूरी रूप से जलाया जाता है। घर के मुख्य द्वार और तुलसी के समक्ष प्रतिदिन दीपक जलाने का विधान है। वहीं, अगर पूजा के समय दीपक अचानक बुझ जाए तो इसे एक अपशकुन या अशुभ माना जाता है। चलिए जानते हैं कि पूजा के दीपक के बुझने पर क्या संकेत मिलते हैं और इसके अशुभ परिणामों से कैसे बचा जा सकता है।
दीपक जलाने का महत्व
देवी -देवताओं की पूजा से लेकर हवन, पाठ या किसी भी मांगलिक कार्यक्रम में दीपक जलाना शुभ माना जाता है। दीपक जलाने से न केवल जीवन का अंधकार दूर होता है, बल्कि घर में मौजूद निगेटिव एनर्जी भी दूर होती है। शास्त्रों के अनुसार, दीपक जलाने से जीवन की परेशानियां खत्म हो जाती हैं। साथ ही वास्तु शास्त्र में भी यह माना गया है कि दीपक जलाने से वास्तु दोष दूर हो जाते हैं।
दीपक के अचानक बुझने का अर्थ
पूजा के दौरान दीपक का बुझना आमतौर पर अपशकुन माना जाता है। मान्यता है कि यदि पूजा के दौरान दीपक बुझ जाए तो यह देवी-देवता के नाराज होने का संकेत माना जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि पूजा पूरी नहीं हुई और उसका पूरा फल आपको नहीं मिलेगा। साथ ही इससे मनोकामना पूर्ति में भी बाधा आती है। वहीं, दीपक का बुझना इस बात की ओर भी इशारा करता है कि व्यक्ति सच्चे मन से भगवान की पूजा नहीं कर रहा है।
ये करें उपाय
पूजा के दौरान दीपक बुझने के और भी कारण हो सकते हैं जैसे हवा, या बाती में पर्याप्त मात्रा में घी या तेल का न होना। ऐसे में यदि पूजा के दौरान आपका दीपक बुझ जाता है तो भगवान से क्षमा मांगते हुए दोबारा से दीपक जला लें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि दीपक में घी और तेल पर्याप्त मात्रा में हो, जिससे दोबारा दीपक बुझने की नौबत न आए।
अखंड ज्योति के समय रखें इन बातों का ध्यान
यदि किसी व्यक्ति ने संकल्प पूर्ति के लिए अखंड ज्योति प्रज्वलित की है तो उसका बहुत ध्यान रखने की जरूरत होती है, क्योंकि अखंड ज्योति के बुझने से मनोकामना पूर्ति में बाधा उत्पन्न हो सकती है। ऐसी घटना परिवार पर कोई संकट ला सकती है। इससे बचने के लिए अखंड ज्योति प्रज्वलित करते समय उसके आसपास कांच की घेरन रख दें और ज्यादा मात्रा में तेल-घी रखें। साथ ही अखंड ज्योति के बगल में एक छोटी दीपक भी जलाएं, ताकि उसे से फिर अखंड ज्योति जलाई जा सके।
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
Picture Credit: Freepik
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।