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    Puja Path Tips: भोग लगाते समय क्यों बजाई जाती है घंटी? साथ ही इन नियमों का भी रखें ध्यान

    Updated: Wed, 03 Apr 2024 06:03 PM (IST)

    हर व्यक्ति का अपने आराध्य देव की पूजा करने का अपना-अपना तरीका होता है। पूजा के दौरान घंटी का भी विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में भगवान को भोग लगाते समय भी घंटी बजाई जाती है। इसे एक जरूरी प्रक्रिया माना जाता है। लेकिन क्या आप इसका कारण जानते हैं। अगर नहीं तो चलिए जानते हैं इसका कारण।

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    Puja Ghanti Niyam भोग लगाते समय क्यों बजाई जाती है घंटी?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Puja Ghanti Niyam in Hindi: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व माना गया है। यह ईश्वर तक अपनी प्रार्थना पहुचाने का एक साधन माना जाता है। पूजा के दौरान कई उपयोग की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। जिनका अपना-अपना धार्मिक महत्व है। इसी प्रकार पूजा के दौरान घंटी का भी विशेष रूप से उपयोग किया जाता है।

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    ये है मान्यता

    हिंदू पौराणिक ग्रंथ के अनुसार, वायु के मुख्य रूप से पांच तत्व माने गए हैं - व्यान वायु, उड़ान वायु, समान वायु, अपान वायु और प्राण वायु। ऐसे में भोग लगाते समय इन पांचों तत्वों का स्मरण किया जाता है और पांच बार घंटी बजाई जाती है। माना जाता है कि इस प्रकार देवी देवता आपके भोग को स्वीकार करते हैं। वहीं, भगवान को नैवेद्य अर्पित करते समय भी घंटी बजाई जाती है।

    मिलते हैं ये लाभ

    पूजा के दौरान या भोग लगाते समय घंटी बजाने से एक कंपन पैदा होता है, जो नकारात्मकता को दूर करने में सहायक होता है। इसके साथ ही घंटी बजाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है। जो घर में एक खुशनुमा माहौल बनाए रखने में सहायक होता है।

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    इस बातों का रखें ध्यान

    पूजा के लिए गरुण घंटी का इस्तेमाल करना ज्यादा शुभ माना गया है। साथ ही यह भी माना गया है कि यदि आप भोग व नैवेद्य आदि को पान के पत्तोंं पर रखकर भगवान को अर्पित करते हैं, तो इससे वह आपके भोग को जल्दी स्वीकार कर लेते हैं। वहीं, भगवान को भोग लगाते समय 05 बार घंटी बजानी चाहिए और इस दौरान इन मंत्रों का जाप करना चाहिए, ताकि आपकी पूजा सफल हो सके।

    • ॐ व्यानाय स्वाहा

    • ॐ उदानाय स्वाहा

    • ॐ अपानाय स्वाहा

    • ॐ समानाय स्वाहा

    • ॐ प्राणाय स्वाहा

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'