Puja Path Tips: भगवान की पूजा से लेकर आरती तक, रखें इन बातों का ध्यान, मिलेगा पूर्ण फल
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को ईश्वर के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करने का एक अच्छा माध्यम माना गया है। मान्यताओं के अनुसार पूजा-पाठ से भगवान प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। ऐसे में यदि आप पूजा-पाठ का पूर्ण फल प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए पूजा के दौरान कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अधिकतर हिंदू अनुयायी अपने घर में या मंदिर में जाकर पूजा-पाठ करते हैं। यह माना जाता है कि नियमित रूप से और पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ करने से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। शास्त्रों में पूजा-पाठ के दौरान कई तरह के नियम भी बताए गए हैं, जिनका ध्यान रखने पर आपकी पूजा सफल मानी जाती है।
न रखें ऐसी मूर्तियां
पूजा घर में गणेश जी, सरस्वती जी और माता लक्ष्मी की खड़ी हुई मुद्रा में मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। इसके साथ ही मंदिर में शिवलिंग शालिग्राम और गोमती चक्र एक से ज्यादा नहीं रखने चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि मूर्तियां खंडित नहीं होनी चाहिए, वरना इससे नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
देवी-देवता का मिलेगा आशीर्वाद
किसी भी देवी-देवता की पूजा करने से पहले सर्वप्रथम भगवान गणेश को प्रणाम करना चाहिए, तभी आपकी पूजा सफल मानी जाती है। इसके साथ ही घर के मंदिर में सुबह शाम दीपक जरूर जलाना चाहिए, इससे देवी-देवता का आशीर्वाद आपके और आपके परिवार के ऊपर बना रहता है। इसके साथ ही शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जलाना भी शुभ माना गया है।
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न करें ये गलतियां
शास्त्रों में दीपक से दीपक को नहीं जलाना चाहिए। यदि आप भी घर के मंदिर में गंगाजल रखते हैं, तो इसे हमेशा तांबे के बर्तन में ही रखना चाहिए। इसे रखने के लिए प्लास्टिक, एल्युमिनियम या फिर लोहे से बने बर्तन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही कभी भी पूजा के लिए शाम के समय फूल नहीं तोड़ने चाहिए। इसलिए संध्या काल से पहले ही फूल तोड़कर रख लेने चाहिए।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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