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    Pradosh Vrat 2023: आज रखा जाएगा अक्टूबर का आखिरी प्रदोष व्रत, इस पूजा विधि से करें महादेव को प्रसन्न

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Thu, 26 Oct 2023 09:57 AM (IST)

    Pradosh Vrat 2023 पंचांग के अनुसार जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय व्याप्त होती है उस दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है। हर माह में शुक्ल और कृष्ण पक्ष के दौरान प्रदोष व्रत किया जाता है। ऐसे में आश्विन माह का दूसरा प्रदोष व्रत 26 अक्टूबर को किया जाएगा। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

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    Guru Pradosh Vrat 2023 जानिए प्रदोष व्रत की पूजा विधि।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Guru Pradosh Vrat 2023: इस वर्ष आश्विन माह का दूसरा व आखिरी प्रदोष व्रत आज यानी 26 अक्टूबर 2023, गुरुवार के दिन किया जाएगा। यह व्रत मुख्यतः भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। इस दिन साधक पूरे विधि-विधान के महादेव की आराधना और व्रत करते हैं। क्योंकि यह व्रत गुरुवार के दिन रखा जाएगा इसलिए इसे गुरु प्रदोष व्रत भी कहा जाता है।

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    प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh muhurat)

    आश्विन माह की शुक्ल त्रयोदशी तिथि का प्रारम्भ 26 अक्टूबर, गुरुवार के दिन, सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर हो रहा है। साथ ही इसका समाप्त 27 अक्टूबर सुबह 06 बजकर 56 मिनट पर होगा। ऐसे में पूजा का शुभ मुहूर्त 26 अक्टूबर शाम 05 बजकर 41 मिनट से 08 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।

    प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat puja vidhi)

    प्रदोष व्रत के दिन प्रातः काल में उठकर स्नान आदि से मुक्त होने के बाद भगवान शिव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूजा स्थल की अच्छे से साफ-साफई करने के बाद भगवान शिव की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें। अब महादेव जी की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करें। प्रदोष व्रत के दिन निर्जला उपवास करना और भी फलदायी माना जाता है। साथ ही इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप जरूर करें। शाम के समय में पुनः भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने के बाद फलहार से अपना व्रत खोलें।

    इस नियमों का रखें ध्यान (Pradosh Vrat Niyam)

    प्रदोष व्रत में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दिन पूर्ण-ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दौरान तन, मन की स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के बाद ही प्रदोष व्रत का पारण करें। साधक को प्रदोष व्रत के दिन प्याज, लहसुन, मांस, मसूर, उड़द दाल, तंबाकू और शराब का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'