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    Parama Ekadashi 2023: कब है अधिक मास की परमा एकादशी? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Sun, 30 Jul 2023 04:40 PM (IST)

    Parama Ekadashi 2023 जो एकादशी अधिक माह के कृष्ण पक्ष में आती है उसे परम या परमा एकादशी कहा जाता है। जो महीना अधिक हो जाता है उसपर परम एकादशी का व्रत ...और पढ़ें

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    Padmini Ekadashi 2023 कब है परमा एकादशी।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Parama Ekadashi 2023: हिन्दू पंचांग के अनुसार, अधिक मास की दूसरी एकादशी अर्थात परमा एकादशी का व्रत 12 अगस्त 2023, शनिवार को रखा जाएगा। परमा एकादशी का व्रत पांच दिन तक करने का विधान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह एकादशी दुर्लभ सिद्धियों की दाता है। इसलिए इसे परमा भी कहा जाता है।

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    परमा एकादशी का शुभ मुहूर्त

    अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारम्भ 11 अगस्त, 2023 को सुबह 05 बजकर 06 मिनट पर होगा। एकादशी तिथि 12 अगस्त 2023 सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में परमा एकादशी व्रत  12 अगस्त 2023, शनिवार के दिन को किया जाएगा। साथ ही इस व्रत के पारण का समय 13 अगस्त सुबह 05 बजकर 49 से 08 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।  

    परमा एकादशी का महत्व

    पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब इस व्रत को कुबेर जी ने किया था तो भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर उन्हें धनाध्यक्ष बना दिया था। इतना ही नहीं, इस व्रत को करने से सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र को पुत्र, स्त्री और राज्य की प्राप्ति हुई थी। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के दौरान पांच दिन तक स्वर्ण दान, विद्या दान, अन्न दान, भूमि दान और गौ दान करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसे धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती।

    परमा एकादशी पूजा विधि

    परमा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर और स्नानादि से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु का पंचोपचार विधि से पूजन करें। निर्जला व्रत रखकर विष्णु पुराण का श्रवण या पाठ करें। इस दिन रात्रि में भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करना चाहिए। इन दिन दान-दक्षिणा जरूर करें। द्वादशी के दिन प्रात: भगवान की पूजा करने के बाद व्रत का पारण करें।

     डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'