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Papankusha Ekadashi 2022: सर्वाधिक लाभ प्राप्ति के लिए पापांकुशा एकादशी पर करें भगवान विष्णु की विधिवत पूजा, जानें तिथि

Papankusha Ekadashi 2022 भगवान विष्णु को एकादशी तिथि सबसे प्रिय है। इसलिए अक्टूबर महीने में पापांकुशा एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति को बहुत लाभ होगा और वह सभी प्रकार के पापों से मुक्ति प्राप्त कर लेगा। इस व्रत का महत्व भगवान कृष्ण ने भी बताया है।

By Shantanoo MishraEdited By: Published: Fri, 30 Sep 2022 11:56 AM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 11:56 AM (IST)
Papankusha Ekadashi 2022: सर्वाधिक लाभ प्राप्ति के लिए पापांकुशा एकादशी पर करें भगवान विष्णु की विधिवत पूजा, जानें तिथि
Papankusha Ekadashi 2022: जानिए कब है भगवान विष्णु का प्रिय पापांकुशा एकादशी व्रत।

नई दिल्ली, Papankusha Ekadashi 2022: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत महत्व है। यह तिथि भगवान विष्णु को सबसे प्रिय है। पंचांग के अनुसार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पापांकुशा एकादशी 6 अक्टूबर 2022 (Papankusha Ekadashi 2022 Date) को पड़ रही है। इस दिन व्रत और दान करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है। मान्यताओं के अनुसार पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने से जातक को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही इस दिन उपवास रखने से भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न होते हैं और धन, सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं क्या है पापा को सा एकादशी व्रत का मुहूर्त और इसका महत्व-

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पापांकुशा एकादशी व्रत मुहूर्त (Papankusha Ekadashi 2022 Muhurat)

ज्योतिष पंचांग के अनुसार अश्विन मास की एकादशी तिथि 5 अक्टूबर को दोपहर 12:00 बजे से आरंभ हो जाएगी और इसका समापन अगले दिन 6 अक्टूबर को सुबह 9:40 पर होगा। उदया तिथि 6 अक्टूबर को होने के कारण पापांकुशा एकादशी व्रत भी इसी दिन रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार व्रत पारण का समय अगले दिन 7 अक्टूबर 2022 को 6:17 से सुबह 7:26 तक है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि व्रत का पारण द्वादशी तिथि खत्म होने से पहले कर लेना चाहिए। अन्यथा जातक का व्रत सफल नहीं होता है और उसे फल की प्राप्ति भी नहीं होती है।

पापांकुशा एकादशी 2022 पूजा विधि

शास्त्रों के अनुसार पापांकुशा एकादशी व्रत के दिन व्यक्ति को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर लेना चाहिए और इसके बाद पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करनी चाहिए। ऐसा करने के बाद भगवान विष्णु को स्मरण करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद घट स्थापना और भगवान विष्णु की प्रतिमा रखकर गंगाजल से शुद्ध करें। साथ ही उन्हें रोली, अक्षत और सफेद फूल अर्पित करें। फिर घी का दीपक जलाएं और श्री हरि की आरती करें। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के सहस्त्र नाम का पाठ करने से भक्तों को विशेष लाभ होता है। इसके बाद जरूरतमंद लोगों को भोजन व दान अवश्य करें और उसके बाद ही व्रत का पारण करें।

पापांकुशा एकादशी व्रत का महत्व (Papankusha Ekadashi Vrat Importance)

शास्त्रों के अनुसार पापांकुशा एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति के सभी प्रकार के दोष, पाप खत्म हो जाते हैं और उसे जन्म मरण के बंधन से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। इसके साथ इस व्रत का महत्व स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत काल में धर्मराज युधिष्ठिर को बताया था। भगवान श्री कृष्ण ने बताया था कि एकादशी व्रत का पालन करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और पाप कर्मों से रक्षा प्राप्त होती है। साथ ही इस दिन दान व पवित्र नदियों में स्नान करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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