Padmini Ekadashi 2023: आज इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान विष्णु की उपासना, जरूर मिलेगा पूजा का फल
Padmini Ekadashi 2023 2023 हिन्दू धर्म में पद्मिनी एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक मास की एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है। बता दें कि पुरुषोत्तम मास में एकादशी व्रत कल यानि 29 जुलाई 2023 शनिवार के दिन रखा जाएगा। आइए जानते हैं पद्मिनी एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Padmini Ekadashi 2023 Date and Shubh Muhurat: सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। सावन अधिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन पद्मिनी एकादशी व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती है।
बता दें कि आज यानी 29 जुलाई 2023, शनिवार के दिन रखा जा रहा है। पंचांग के अनुसार, इस विशेष दिन पर दो अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिसमें पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं, पद्मिनी एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
पद्मिनी एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त
श्रावण अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि प्रारंभ: 28 जुलाई दोपहर 02 बजकर 51 मिनट से
श्रावण अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि समाप्त: 29 जुलाई को दोपहर 01 बजकर 05 मिनट तक
पद्मिनी एकादशी व्रत तिथि: 29 जुलाई 2023, शनिवार
पद्मिनी एकादशी व्रत 2023 शुभ मुहूर्त
पंचांग में बताया गया है कि पद्मिनी एकादशी व्रत के शुभ अवसर पर दो अत्यंत शुभ योग के निर्माण हो रहा है। इस विशेष दिन पर साधकों को ब्रह्म योग और इंद्र योग में पूजा का सौभाग्य प्राप्त होगा। ब्रह्म योग सुबह 09 बजकर 34 मिनट तक रहेगा और इसके तत्पश्चात इंद्र योग की शुरुआत हो जाएगी। ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों मुहूर्त को अत्यंत शुभ बताया गया है।
पद्मिनी एकादशी पूजा विधि
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एकादशी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान करें और पीले रंग का वस्त्र धारण करें।
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इसके बाद पूजास्थल की अच्छे साफ-सफाई करें और स्थान पर गंगाजल का छिड़काव करें।
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ऐसा करने के बाद भगवान विष्णु की विधिवत उपासना करें और उन्हें गंध-पुष्प, धूप-दीप, तुलसी, चंदन, मिष्ठान उत्यादी अर्पित करें।
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इसके बाद भगवान विष्णु के स्तोत्र का पाठ करें और व्रत का पाठन या श्रवण करें।
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अंत में भगवान विष्णु की आरती के बाद पूजा सम्पन्न करें।
पद्मिनी एकादशी- भगवान विष्णु मंत्र
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
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ॐ विष्णवे नम:
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ॐ हूं विष्णवे नम:
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ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
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श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
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ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
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ॐ अं वासुदेवाय नम:
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ॐ आं संकर्षणाय नम:
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ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
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ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
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ॐ नारायणाय नम:
पद्मिनी एकादशी- भगवान विष्णु आरती
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे।।
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का।। ॐ जय…।।
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी।। ॐ जय…।।
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी।
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी।। ॐ जय…।।
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता।। ॐ जय…।।
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति।। ॐ जय…।।
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे।। ॐ जय…।।
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा।। ॐ जय…।।
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा।। ॐ जय…।।
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे।। ॐ जय…।।
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