Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Onam 2022: कब है ओणम? जानें-तिथि, व्रत कथा, मुहूर्त और पूजा विधि

    By Pravin KumarEdited By:
    Updated: Wed, 07 Sep 2022 08:00 AM (IST)

    Onam 2022 Festival तमिल पंचांग के अनुसार इस वर्ष ओणम 7 सितंबर को संध्याकाल में 4 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 8 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक है। इस दौरान साधक पूजा उपासना कर सकते हैं।

    Hero Image
    Onam 2022: कब है ओणम? जानें-तिथि, व्रत कथा, मुहूर्त और पूजा विधि

    नई दिल्ली, Onam 2022: हर वर्ष अगस्त और सितंबर महीने में ओणम दक्षिण भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है। खासकर, केरल और तमिलनाडु का यह प्रमुख पर्व है। दक्षिण भारत के कई राज्यों में ओणम के दिनों में उत्सव जैसा माहौल होता है। यह पर्व एक दिन के लिए नहीं, बल्कि दस दिनों तक मनाया जाता है। इस वर्ष 8 सितंबर को ओणम है। वहीं, ओणम की शुरुआत 30 अगस्त को हुई थी। ओणम को मलयालम में थिरुवोणम कहते हैं। इसका शाब्दिक अर्थ पवित्र होता है। इस मौके पर घरों को रंग बिरंगे फूलों से सजाया जाता है। मुख्य द्वार पर रंगोली बनाई जाती है। आइए, व्रत कथा, तिथि और महत्व जानते हैं-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ओणम की तिथि

    तमिल पंचांग के अनुसार, इस वर्ष ओणम 7 सितंबर को संध्याकाल में 4 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 8 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक है। इस दौरान साधक पूजा उपासना कर सकते हैं। यह पर्व थिरुवोणम नक्षत्र में मनाया जाता है। इस मौके पर सुकर्मा और रवि योग बन रहे हैं। धार्मिक मान्यता है कि रवि योग में पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

    क्या है कथा

    चिरकाल में राजा बलि की दानी होने की चर्चा तीनों लोकों में थी। राजा बलि भगवान श्रीहरि विष्णु के अनन्य भक्त थे। हालांकि, उन्हें अपने पराक्रम और दानवीरता पर घमंड हो गया था। यह जान एक बार भगवान ने अपने भक्ति की परीक्षा ली। इस परीक्षा में राजा बलि पास तो हो गए, लेकिन उन्हें अति दानवीरता के चलते पाताल लोक में स्थान प्राप्त हुआ। कथा अनुसार, राजा बलि यज्ञ संपन्न होने के बाद भगवान के वामन अवतार को दान मांगने के लिए कहा। तब भगवान ने तीन पग जमीन मांग ली। पहले पग में धरती और दूसरे पग में नभ को नाप लिया। अंतिम पग न मिलने पर राजा बलि ने अपना मस्तिष्क दे दिया। भगवान के चरण स्पर्श करते ही राजा बलि पाताल लोक पहुंच गए। इससे प्रजा में हाहाकार मच गया। तब भगवान ने राजा बलि को वरदान दिया कि राजा बलि साल में एक बार प्रजा की भलाई के लिए 10 दिनों तक धरती लोक पर आ सकते हैं। उस समय से ओणम पर्व मनाया जाता है।

    डिसक्लेमर

    इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।