Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Navratri 2020 Skandamata Puja: आज नवरात्रि के पांचवे दिन ऐसे करें स्कंदमाता की आराधना, जानें मंत्र एवं आरती

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Wed, 21 Oct 2020 02:25 PM (IST)

    Navratri 2020 Maa Skandamata Puja आज शारदीय नवरात्रि का 5वां दिन है। आज मां स्कंदमाता की विधि विधान से पूजा की जाती है। माता के प्रसन्न होने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं स्कंदमाता की पूजा विधि मंत्र एवं आरती के बारे में।

    Navratri 2020 Maa Skandamata Puja: नवरात्रि के पांचवे दिन इस तरह करें मां स्कंदमाता की पूजा, पढ़ें आरती और मंत्र

    Navratri 2020 Maa Skandamata Puja: नवरात्रि का पांचवां दिन है। आज के दिन मां दुर्गा के पांचवे अवतार मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति के लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। साथ ही परम सुख की प्राप्ति मिलती है। इनकी 4 भुजाएं हैं। मां का आसन कमल है। यही कारण है कि इन इसी कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। इनका वाहन सिंह है। व्यक्ति का मन समस्त लौकिक, सांसारिक, मायिक बंधनों से विमुक्त होकर मां के इस स्वरूप में पूर्णतः तल्लीन हो जाता है। सच्चे मन से अगर मां स्कंदमाता की आराधना की जाए तो व्यक्ति सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आइए जानते हैं मां स्कंदमाता की पूजा विधि, आरती और मंत्र।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    माता स्कंदमाता की पूजा विधि:

    इस दिन स्नानादि कर सभी कार्यों से निवृत्त हो जाए। फिर मां का स्मरण करें। इसके बाद स्कंदमाता को अक्षत्, धूप, गंध, पुष्प अर्पित करें। फिर पान, सुपारी, कमलगट्टा, बताशा, लौंग का जोड़ा, किसमिस, कपूर, गूगल, इलायची आदि भी चढ़ाया जाता है। मां की आरती करें। माना जाता है कि अगर स्कंदमाता की पूजा की जाए तो भगवान कार्तिकेय भी प्रसन्न हो जाते हैं।

    माता स्कंदमाता के मंत्र:

    1. या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता.

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

    2. महाबले महोत्साहे. महाभय विनाशिनी.

    त्राहिमाम स्कन्दमाते. शत्रुनाम भयवर्धिनि..

    3. ओम देवी स्कन्दमातायै नमः॥

    माता स्कंदमाता की आरती:

    जय तेरी हो स्कंद माता

    पांचवा नाम तुम्हारा आता

    सब के मन की जानन हारी

    जग जननी सब की महतारी

    तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं

    हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं

    कई नामों से तुझे पुकारा

    मुझे एक है तेरा सहारा

    कहीं पहाड़ों पर है डेरा

    कई शहरो मैं तेरा बसेरा

    हर मंदिर में तेरे नजारे

    गुण गाए तेरे भगत प्यारे

    भक्ति अपनी मुझे दिला दो

    शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो

    इंद्र आदि देवता मिल सारे

    करे पुकार तुम्हारे द्वारे

    दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए

    तुम ही खंडा हाथ उठाए

    दास को सदा बचाने आई

    'चमन' की आस पुराने आई...