Navratri 2019 Hawan Vidhi: नवरात्रि पर ऐसे करें मां दुर्गा के लिए हवन, जानें साम्रगी, विधि एवं महत्व
Navratri 2019 Hawan Vidhi नवरात्रि में मां दुर्गा के लिए हवन का विशेष महत्व है। दुर्गाष्टमी या महानवमी के दिन हवन करते हैं। आइए जानते हैं हवन साम्रगी ...और पढ़ें

Navratri 2019 Hawan Vidhi: नवरात्रि में मां दुर्गा के लिए हवन का विशेष महत्व है। मुख्य रूप से दुर्गाष्टमी या महानवमी के दिन हवन किया जाता है। हवन करने से घर की नकरात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है। आपके आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वातावरण शुद्ध हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हवन करने से शुभता में वृद्धि होती है। दरसअल हवन में हम जिन औषधीय पदार्थों की आहुति देते हैं, उनकी गंध से आसपास का वातावरण स्वच्छ हो जाता है। हवन एक वैदिक कर्मकांड है, जिसे आज भी किया जाता है।
यदि किन्हीं कारणों से आपके पुरोहित हवन के लिए उपलब्ध न हों तो आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। हम आपको हवन साम्रगी और हवन की आसान विधि बता रहे हैं, जिससे आप स्वयं घर पर हवन कर सकते हैं। दुर्गाष्टमी या महानवमी से एक दिन पूर्व आपको हवन साम्रगी एकत्र करने की आवश्यकता है। आइए ज्योतिषाचार्य पं गणेश प्रसाद मिश्र से जानते हैं कि हवन में किन-किन चीजों की जरूरत पड़ेगी और उसकी विधि क्या है।
हवन साम्रगी
आम की लकड़ी, तना और पत्ता, पीपल का तना और छाल, बेल, नीम, पलाश, गूलर की छाल, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, कर्पूर, तिल, चावल, लौंग, गाय का घी, गुग्गल, लोभान, इलायची, शक्कर और जौ। इसके अलावा एक सूखा नारियल या गोला, कलावा या लाल रंग का कपड़ा और एक हवन कुंड।
हवन विधि
अष्टमी या नवमी की पूजा के पश्चात आप हवन कुंड को एक साफ स्थान पर स्थापित कर दें। हवन सामग्री को एक बड़े पात्र में मिलाकर रख लें। इसके बाद आम की लकड़ी और कर्पूर हवन कुंड में रखें और आग प्रज्ज्वलित कर दें। इसके पश्चात इन मंत्रों से हवन प्रारंभ करें।
ओम आग्नेय नम: स्वाहा
ओम गणेशाय नम: स्वाहा
ओम गौरियाय नम: स्वाहा
ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा
ओम दुर्गाय नम: स्वाहा
ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा
ओम हनुमते नम: स्वाहा
ओम भैरवाय नम: स्वाहा
ओम कुल देवताय नम: स्वाहा
ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा
ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा
ओम विष्णुवे नम: स्वाहा
ओम शिवाय नम: स्वाहा
ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा
स्वधा नमस्तुति स्वाहा।
ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा
ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।
ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते।
इसके बाद गोला में लाल कपड़ा लपेट दें या फिर कलावा बांध दें। फिर पान, सुपारी, लौंग, बतासा, पूरी, खीर या अन्य प्रसाद उस गोला पर रखकर हवन कुंड में बीच में स्थापित कर दें। साथ ही, पूर्ण आहुति मंत्र का उच्चारण करें- ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा।
इसके बाद कुछ दक्षिणा स्वरूप रुपये माता के नाम से अर्पित कर दें। फिर मां दुर्गा की आरती करें। उस आरती को पूरे घर में ले जाएं और परिवार के सभी सदस्यों को इसमें शामिल करें। इस प्रकार आप हवन पूर्ण कर लेंगे।

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