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    Nandi Puja Niyam: नंदी के कान में मनोकामना बोलने से पहले कहें ये शब्द, जरूर पूरी होगी इच्छा

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Thu, 08 Jun 2023 02:12 PM (IST)

    शिव मंदिर में प्रवेश करने पर आपने पाया होगा कि शिवलिंग के ठीक सामने नंदी जी को बैठे होते हैं।प्राचीन समय से शिवालय में अपनी कामना नंदी के कान में कहने की परम्परा चली आ रही है। ऐसा करने से आपकी मनोकामना जल्द पूरी होती है।

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    Nandi Puja Niyam: नंदी के कान में मनोकामना बोलने से पहले कौन-सा शब्द बोलना चाहिए।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Nandi Puja Niyam: पुराणों के अनुसार, नंदी शिव के वाहन तथा अवतार भी हैं जिन्हे बैल के रूप में शिवमन्दिरों में प्रतिष्ठित किया जाता है। भगवान शिव ने स्वयं नंदी को यह आशीर्वाद दिया था कि जहां-जहां मैं विराजमान रहूंगा, वहां तुम भी विराजमान रहोगे। इसलिए शिवालयों में मुख्य रूप से नंदी पाये जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि नंदी के कान में अपने मन की इच्छा कहने से व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं कि नंदी के कान में मनोकामना कहने से पहले कौन-से शब्द का उच्चारण करना शुभ माना जाता है।

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    क्यों कही जाती है नंदी के कान में अपनी कामना

    शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव अधिकतर समय तपस्या में लीन रहते हैं। ऐसे में नंदी वहां तैनात रहते हैं ताकि महादेव की तपस्या में किसी प्रकार का विघ्न न आए। इसलिए भगवान शिव तक अपनी मनोकामना पहुंचाने के लिए नंदी के कान में अपनी कामना कही जाती है। एक पुरानी मान्यता के अनुसार, स्वयं भगवान शिव ने नंदी को वरदान दिया था कि जो तुम्हारे कान में आकर अपनी मनोकामना कहेगा, उसकी हर इच्छा जरूर पूरी होगी।

    कामना से पहले कहें ये शब्द

    शास्त्रों में ‘ॐ’ शब्द को पूरे ब्रह्माण्ड का प्रतीक माना गया है। इसलिए नंदी के कान में अपनी कामना बोलने से पहले ‘ॐ’ शब्द का उच्चारण करना चाहिए। इससे आपकी मनोकामना भगवान शिव तक जल्दी पहुंचती है।

    किस कान में कहनी चाहिए इच्छा

    कहा जाता है की व्यक्ति को अपनी मनोकामना नंदी के बाएं कान में बोलनी चाहिए। इस कान में मनोकामना बोलने का अधिक महत्व है। हालांकि, आप दूसरे कान में भी अपनी मनोकामना बोल सकते हैं।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'