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    Nag Panchami पर करें इन मंत्रों और आरती का जाप, शिव जी प्रसन्न होकर देंगे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

    Updated: Fri, 09 Aug 2024 07:30 AM (IST)

    नाग पंचमी के पर्व को हिंदू धर्म में बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन पर भगवान शिव और नाग देवता की पूजा-अर्चना का विधान है। इस तिथि को कुंडली में मौजूद ...और पढ़ें

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    Nag Panchami पर करें इन मंत्रों और आरती का जाप।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी मनाई जाती है। इस साल नाग पंचमी शुक्रवार, 09 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन साधक विशेष रूप से नाग देवता की पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे महादेव की भी कृपा प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर नाग देवता और भगवान शिव के पूजन से व्यक्ति को काल सर्प दोष से छुटकारा मिल सकता है। ऐसे में आप नाग देवता की आरती और मंत्रों का जाप कर उनकी विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं। आइए पढ़ते हैं नाग पंचमी के मंत्र और आरती।

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    नाग देवता के मंत्र

    • ॐ नगपति नम:
    • ॐ व्याल नम:
    • ॐ अहि नम:
    • ॐ विषधर नम:
    • ॐ शैल नम:
    • ॐ भूधर नम:
    • ॐ सर्पाय नमः
    • सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
    • ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।

    ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥

    ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः।

    ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥


    अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।

    शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥

    एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।

    सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः।

    तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥

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    नाग पंचमी की आरती

    श्रीनागदेव आरती पंचमी की कीजै ।

    तन मन धन सब अर्पण कीजै ।

    नेत्र लाल भिरकुटी विशाला ।

    चले बिन पैर सुने बिन काना ।

    उनको अपना सर्वस्व दीजे।।

    पाताल लोक में तेरा वासा ।

    शंकर विघन विनायक नासा ।

    भगतों का सर्व कष्ट हर लिजै।।

    शीश मणि मुख विषम ज्वाला ।

    दुष्ट जनों का करे निवाला ।

    भगत तेरो अमृत रस पिजे।।

    वेद पुराण सब महिमा गावें ।

    नारद शारद शीश निवावें ।

    सावल सा से वर तुम दीजे।।

    नोंवी के दिन ज्योत जगावे ।

    खीर चूरमे का भोग लगावे ।

    रामनिवास तन मन धन सब अर्पण कीजै ।

    आरती श्री नागदेव जी कीजै ।।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।