Masik Shivratri 2025: मासिक शिवरात्रि पर इस तरह करें शिव जी को प्रसन्न, नहीं आएगा कोई कष्ट
कई साधक मासिक शिवरात्रि का व्रत करते हैं। इससे साधक को भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा की प्राप्ति हो सकती है। इस दिन पर मध्य रात्रि में पूजा करने का विधान है। साथ ही मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव के 108 नामों का जप करना फलदायी होता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2025) का व्रत किया जाता है। यह दिन पूर्ण रूप से भगवान शिव और माता पार्वती जी के पूजन के लिए समर्पित है। ऐसे में आप मासिक शिवरात्रि की पूजा में भगवान शिव के 108 नामों का जप कर शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं।
मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Puja Muhurat)
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 25 मई को दोपहर 3 बजकर 51 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर होगा। ऐसे में ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि का व्रत रविवार, 26 मई को किया जाएगा। इस दिन पूजा मध्य रात्रि में करने का विधान है, ऐसे में पूजा का मुहूर्त रात 11 बजकर 58 मिनट से रात 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
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भगवान शिव के 108 नाम
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(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
- ॐ महाकाल नमः
- ॐ रुद्रनाथ नमः
- ॐ भीमशंकर नमः
- ॐ नटराज नमः
- ॐ प्रलेयन्कार नमः
- ॐ चंद्रमोली नमः
- ॐ डमरूधारी नमः
- ॐ चंद्रधारी नमः
- ॐ भोलेनाथ नमः
- ॐ कैलाश पति नमः
- ॐ भूतनाथ नमः
- ॐ नंदराज नमः
- ॐ नन्दी की सवारी नमः
- ॐ ज्योतिलिंग नमः
- ॐ मलिकार्जुन नमः
- ॐ भीमेश्वर नमः
- ॐ विषधारी नमः
- ॐ बम भोले नमः
- ॐ विश्वनाथ नमः
- ॐ अनादिदेव नमः
- ॐ उमापति नमः
- ॐ गोरापति नमः
- ॐ गणपिता नमः
- ॐ ओंकार स्वामी नमः
- ॐ ओंकारेश्वर नमः
- ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
- ॐ भोले बाबा नमः
- ॐ शिवजी नमः
- ॐ शम्भु नमः
- ॐ नीलकंठ नमः
- ॐ महाकालेश्वर नमः
- ॐ त्रिपुरारी नमः
- ॐ त्रिलोकनाथ नमः
- ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
- ॐ बर्फानी बाबा नमः
- ॐ लंकेश्वर नमः
- ॐ अमरनाथ नमः
- ॐ केदारनाथ नमः
- ॐ मंगलेश्वर नमः
- ॐ अर्धनारीश्वर नमः
- ॐ नागार्जुन नमः
- ॐ जटाधारी नमः
- ॐ नीलेश्वर नमः
- ॐ जगतपिता नमः
- ॐ मृत्युन्जन नमः
- ॐ नागधारी नमः
- ॐ रामेश्वर नमः
- ॐ गलसर्पमाला नमः
- ॐ दीनानाथ नमः
- ॐ सोमनाथ नमः
- ॐ जोगी नमः
- ॐ भंडारी बाबा नमः
- ॐ बमलेहरी नमः
- ॐ गोरीशंकर नमः
- ॐ शिवाकांत नमः
- ॐ महेश्वराए नमः
- ॐ महेश नमः
- ॐ संकटहारी नमः
- ॐ महेश्वर नमः
- ॐ रुंडमालाधारी नमः
- ॐ जगपालनकर्ता नमः
- ॐ पशुपति नमः
- ॐ संगमेश्वर नमः
- ॐ दक्षेश्वर नमः
- ॐ घ्रेनश्वर नमः
- ॐ मणिमहेश नमः
- ॐ अनादी नमः
- ॐ अमर नमः
- ॐ आशुतोष महाराज नमः
- ॐ विलवकेश्वर नमः
- ॐ अचलेश्वर नमः
- ॐ ओलोकानाथ नमः
- ॐ आदिनाथ नमः
- ॐ देवदेवेश्वर नमः
- ॐ प्राणनाथ नमः
- ॐ शिवम् नमः
- ॐ महादानी नमः
- ॐ शिवदानी नमः
- ॐ अभयंकर नमः
- ॐ पातालेश्वर नमः
- ॐ धूधेश्वर नमः
- ॐ सर्पधारी नमः
- ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
- ॐ हठ योगी नमः
- ॐ विश्लेश्वर नमः
- ॐ नागाधिराज नमः
- ॐ सर्वेश्वर नमः
- ॐ उमाकांत नमः
- ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
- ॐ त्रिकालदर्शी नमः
- ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
- ॐ महादेव नमः
- ॐ गढ़शंकर नमः
- ॐ मुक्तेश्वर नमः
- ॐ नटेषर नमः
- ॐ गिरजापति नमः
- ॐ भद्रेश्वर नमः
- ॐ त्रिपुनाशक नमः
- ॐ निर्जेश्वर नमः
- ॐ किरातेश्वर नमः
- ॐ जागेश्वर नमः
- ॐ अबधूतपति नमः
- ॐ भीलपति नमः
- ॐ जितनाथ नमः
- ॐ वृषेश्वर नमः
- ॐ भूतेश्वर नमः
- ॐ बैजूनाथ नमः
- ॐ नागेश्वर नमः
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