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    Mangalvar Vrat Vidhi: हनुमान जी की कृपा पाने के लिए जरूर करें मंगलवार का व्रत, जानें- पूजा विधि और महत्व

    By Umanath SinghEdited By:
    Updated: Tue, 30 Nov 2021 10:11 AM (IST)

    Mangalvar Vrat Vidhi मंगल के कमजोर होने पर व्यक्ति को करियर और कारोबार में भी दिक्कत आती है। अत ज्योतिष मंगल मजबूत करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा मंगलवार का व्रत करने से शनि की साढ़े साती और ढैया से भी मुक्ति मिलती है।

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    Mangalvar Vrat Vidhi: हनुमान जी की कृपा पाने के जरूर करें मंगलवार का व्रत, जानें- पूजा विधि और महत्व

    Mangalvar Vrat Vidhi: मंगलवार के दिन मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान जी की पूजा और उपासना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि हनुमान का महज सुमरन करने से जीवन की सभी समस्याओं का अंत होता है। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है। हनुमान चालीसा में इसका वर्णन है।

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    संकट कटे मिटे सब पीरा,

    जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।

    मंगल के कमजोर होने पर व्यक्ति को करियर और कारोबार में भी दिक्कत आती है। अत: ज्योतिष मंगल मजबूत करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, मंगलवार का व्रत करने से शनि की साढ़े साती और ढैया से भी मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में शनिवार के दिन शनिदेव के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा करने का वर्णन है। अतः जीवन में सुख, समृद्धि और शांति पाने के लिए जातक को मंगलवार का व्रत विधि पूर्वक करना चाहिए। आइए, इस व्रत के बारे में सबकुछ जानते हैं-

    मंगलवार व्रत का महत्व

    सनातन धार्मिक ग्रंथों में हनुमान जी को गुरु माना गया है। ऐसी मान्यता है कि बच्चों को बल, बुद्धि, विद्या प्राप्ति हेतु हनुमान जी की पूजा-आराधना करनी चाहिए। हनुमान चालीसा में इसका उल्लेख निहित है, जो इस प्रकार है।

    बलबुद्धि विद्या देहु मोहि|

    हरहुं कलेश विकार||

    इस दोहे का भावार्थ है कि हनुमान जी बल, बुद्धि और विद्या प्रदान करते हैं। साथ ही सभी दुःख, दर्द और कलेश हर लेते हैं। इसके लिए जातक को मंगलवार का व्रत करना चाहिए।

    मंगलवार व्रत विधि

    मंगलवार के दिन ब्रह्म बेला में उठकर सबसे पहले भगवान श्रीराम को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। ऐसी मान्यता है कि जो जातक श्रीराम का नाम लेता है। उससे हनुमान जी अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं। इसके लिए दिन की शुरुआत श्रीराम का नाम लेकर करें। अब नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। फिर आमचन कर अपने आप को शुद्ध करें। हनुमान जी को लाल रंग अति प्रिय है। अतः लाल वस्त्र धारण करें। अब ईशान कोण में हनुमान जी की प्रतिमा अथवा चित्र एक चौकी पर स्थापित कर लाल वस्त्र भेंट करें। तत्पश्चात, हनुमान जी की पूजा लाल रंग के फल, फूल, सिन्दूर, धूप, दीप आदि से करें। पूजा के दौरान हनुमान चालीसा और सुंदर कांड का पाठ करें। अंत में आरती प्रार्थना कर पूजा संपन्न करें। दिनभर उपवास रखें। संध्याकाल में आरती-अर्चना कर सात्विक भोजन ग्रहण करें। मंगलवार के दिन तामसिक भोजन न करें। साथ ही ब्रह्मचर्य नियम का पालन करें। अगले दिन नित्य दिनों की तरह पूजा-पाठ संपन्न कर व्रत खोलें।

    डिस्क्लेमर

    ''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''