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    Mahashivratri Puja Shubh Muhurat: इस बार महाशिवरात्रि पर बना है दुर्लभ मणिकांचन योग, जानें क्या है शिव आराधना का मुहूर्त

    By Kartikey TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 20 Feb 2020 03:27 PM (IST)

    Mahashivratri Puja Shubh Muhurat महाशिवरात्रि पर मणिकांचन योग बना है। इस बार श्रवण नक्षत्र शुक्रवार दिन और सायंकाल में चतुदर्शी के संयोग से मणिकांचन योग बन रहा है।

    Mahashivratri Puja Shubh Muhurat: इस बार महाशिवरात्रि पर बना है दुर्लभ मणिकांचन योग, जानें क्या है शिव आराधना का मुहूर्त

    Mahashivratri Puja Shubh Muhurat: भगवान शिव की आराधना का महापर्व महाशिवरात्रि 21 फरवरी दिन शुक्रवार को है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ही महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। हालांकि प्रत्येक मास की चतुर्दशी तिथि को मासिक ​शिवरात्रि मनाई जाती है। इस वर्ष महा​शिवरात्रि के दिन अद्भुत संयोग बन रहा है, ​जो भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना के लिए बहुत ही उत्तम है। आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन पूजा का मुहूर्त क्या है।

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    महाशिवरात्रि मुहूर्त

    फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 21 फरवरी दिन शुक्रवार को शाम 05 बजकर 20 मिनट से हो रहा है, जो 22 फरवरी दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।

    शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि व्रत अर्धरात्रिव्यापिनी चतुर्दशी तिथि में ही करना चाहिए, इसलिए इस वर्ष महाशिवरात्रि 21 फरवरी को मनाई जाएगी। आप सभी को व्रत 21 को ही रखना चाहिए।

    निशिता काल पूजा समय

    निशिता काल का अ​र्थ है कि वह समय जब भगवान शिव लिंग स्वरुप में पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। इस समय में भी आप भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। 21 फरवरी की देर रात्रि 12 बजकर 9 मिनट से देर रात 01 बजे तक।

    महाशिवरात्रि पारण समय

    महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले लोगों को 22 फरवरी दिन शनिवार को पारण के साथ व्रत खोलना चाहिए। महाशिवरात्रि व्रत के पारण का समय 22 फरवरी को सुबह 06 बजकर 54 मिनट से दोपहर 03 बजकर 25 मिनट तक है। आप 06 बजकर 54 मिनट के बाद कभी भी पारण कर सकते हैं।

    बन रहा है अद्भुत मणिकांचन योग

    ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, इस बार महाशिवरात्रि पर मणिकांचन योग बना है। इस बार श्रवण नक्षत्र, शुक्रवार दिन और सायंकाल में चतुदर्शी के संयोग से मणिकांचन योग बन रहा है। जब भगवान शिव का माता पार्वती से विवाह हुआ था तो उस दिन भी श्रवण नक्षत्र, शुक्रवार दिन और सायंकाल में चतुदर्शी का संयोग बना था। कई वर्षों के बाद ऐसा संयोग आया है कि महाशिवरात्रि पर यह अद्भुत मणिकांचन योग बना है।

    महाशिवरात्रि पर बना दुर्लभ संयोग

    इस बार महाशिवरात्रि पर अद्भुत संयोग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना हुआ है। सर्वार्थ सिद्धि योग 21 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट से बन रहा है, जो 22 फरवरी को सुबह 06 बजकर 54 मिनट तक है। वहीं, ज्योतिष के अनुसार, इस बार शिवरात्रि पर शुक्र अपनी उच्च रा​शि मीन में होगा और शनि मकर में। यह एक दुर्लभ योग है, जिसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा उत्तम मानी गई है।