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    Mahalakshmi Vrat 2023: सुख और वैभव के लिए, इस विधि से करें महालक्ष्मी व्रत का समापन

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Thu, 05 Oct 2023 11:26 AM (IST)

    Mahalakshmi Vrat 2023 सनातन धर्म में महालक्ष्मी व्रत विशेष महत्व रखता है। यह व्रत कम से कम 16 दिनों तक रखा जाता है। ऐसे में यह 16 दिन माता लक्ष्मी का आराधना के लिए समर्पित है। माता लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में पूजा जाता है। ऐसे में जिस भी व्यक्ति पर लक्ष्मी की कृपा होती है उसे जीवन में धन संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।

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    Mahalakshmi Vrat 2023 इस विधि से करें महालक्ष्मी व्रत का समापन।

    नई दिल्ली, अध्यात्म। Mahalakshmi Vrat Samapan Vidhi: प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होती है। साथ ही इसका समापन आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। इस साल महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत 22 सितंबर से हो चुकी है, जिसका समापन कल यानी 06 अक्टूबर 2023, शुक्रवार के दिन होगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि महालक्ष्मी व्रत का समापन किस विधि से करना चाहिए।

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    इस विधि से करें पूजा (Mahalaxmi Puja Vidhi)

    महालक्ष्मी व्रत के आखिरी दिन सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि से निवृत होने के बाद पूजा घर की अच्छे से साफ-सफाई करें। इसके बाद माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। साथ ही पूजा स्थल पर सोने-चांदी के सिक्के भी रखें। महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत में 16 गांठों वाला धागा बांधने का विधान है।

    ऐसे में व्रत के आखिरी दिन शाम के समय पूजा के लिए सबसे अपने हाथ में वहीं 16 गांठों वाला लाल धागा बांधें। इसके बाद माता महालक्ष्मी के आगे 16 देसी घी के दीपक जलायें और विधिवत रूप से मां लक्ष्मी की पूजा करें। व्रत के अगले दिन 16 गांठों वाले धागे को अपनी तिजोरी में रखें। इस धागे को अपने पास रखने से आपके घर में धन-धान्य कमी नहीं होती।

    ये साम्रगी करें अर्पित

    महालक्ष्मी पूजा के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि जो भी चीज आप अर्पित कर रहे हैं हर चीज सोलह की गिनती में होनी चाहिए। जैसे 16 लौंग, 16 इलायची या 16 श्रृंगार की सामग्री आदि। आप माता लक्ष्मी को कुंकुम, बताशा, शंख, कमलगट्टे, मखाना, चावल और फूल अर्पित कर सकते हैं।

    इस मंत्र का करें जाप

    महालक्ष्मी पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप जरूर करें। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति के घर में वास करती हैं। ये रहा महालक्ष्मी व्रत का मंत्र -

    ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।

    इन बातों का रखें ध्यान

    देवी मां को कभी भी हरसिंगार का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। महालक्ष्मी की पूजा में हरसिंगार के फूलों का प्रयोग करना वर्जित माना जाता है। माता लक्ष्मी को सफेद मिठाई का भोग लगाना चाहिए। पूजा के दौरान लाल या गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।

    Picture Credit: Freepik

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'