Magh Purnima 2025: माह पूर्णिमा की पूजा में करें इन मंत्रों का जप, सभी समस्या होगी खत्म
माह पूर्णिमा (Magh Purnima 2025) पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति के लिए अन्न और धन का दान किया जाता है। धार्मिक मत है कि इन शुभ कार्यों को करने से जातक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। पूर्णिमा तिथि को संकटों को दूर करने के लिए शुभ माना जाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chandra Dev Mantra: पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु जी को प्रिय है। इस दिन श्रीहरि और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। साथ ही विशेष चीजों का दान किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा के कमजोर होने पर मानसिक तनाव की समस्या होती है। ऐसे में माह पूर्णिमा पर चंद्र देव के मंत्रों का जप करें। मान्यता है कि इन मंत्रों का जप करने से हर मनोकामना पूरी होती है और चंद्र दोष दूर होता है।
माघ पूर्णिमा 2025 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा की तिथि 11 फरवरी को शाम 06 बजकर 55 मिनट पर शुरू हो रही है और 11 फरवरी को शाम 06 बजकर 55 मिनट पर समाप्त हो रही है। इस प्रकार 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा मनाई जाएगी।
तनाव दूर करने हेतु मंत्र
1. ऊँ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं ।
महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय
इमममुध्य पुत्रममुध्यै पुत्रमस्यै विश वोsमी राज: सोमोsस्माकं ब्राह्माणाना ग्वं राजा।
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2. ऊँ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
ऊँ श्रां श्रीं श्रौं चन्द्रमसे नम:।
ऊँ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:।
3. ऊँ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसंभवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुटभूषणम ।।
4. ऊँ अमृतंग अन्गाये विधमहे कलारुपाय धीमहि, तन्नो सोम प्रचोदयात ।।
5. ऊँ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रतिजागृहि त्वमिष्टापूर्ते स सृजेथामयं च ।
अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन्विश्वे देवा यजमानश्च सीदत ।।
6. प्रियंगुकलिकाश्यामं रुपेणाप्रतिमं बुधम ।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम ।।
7. ऊँ चन्द्रपुत्राय विदमहे रोहिणी प्रियाय धीमहि तन्नोबुध: प्रचोदयात ।
8. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
ऊँ अघोरेभ्यो अथघोरेभ्यो, घोर घोर तरेभ्यः।
सर्वेभ्यो सर्व शर्वेभ्यो, नमस्ते अस्तु रूद्ररूपेभ्यः’।।
9. मामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं’।।
10. ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय।।
11.धन लाभ के लिए मंत्र
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
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