Lord Shani Aarti And Mantra: जानिए शनिदेव की संपूर्ण आरती और मंत्र
Lord shanidev Aarti And Mantra शनिवार के दिन शनिदेव की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ सरसों का तेल अर्पित करें। इसके साथ ही शनिवार के दिन इन मंत्रों के साथ आरती जरूर करें। ऐसा करने से शनिदेव जल्द प्रसन्न होंगे।

नई दिल्ली, Shani Dev Aarti: हिंदू पंचांग के अनुसार, सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता है। इसी तरह शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। शनिवार के दिन भगवान शनि की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि जिस व्यक्ति के ऊपर शनिदेव की कृपा होती है उन्हें हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शनिवार के दिन भगवान शनि की विधिवत पूजा करने के अंत में आरती जरूर करें। इसके साथ ही शनि के इन मंत्रों का जाप करें।
श्री शनिदेव आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
शनि देव के मंत्र
शनि बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
शनि महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
शनि का पौराणिक मंत्र
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
शनि का वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
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