बुधवार को गणपति और बुध ग्रह की पूजा कर प्राप्त करें श्री और ज्ञान का वरदान
बुधवार को श्री गणेश के साथ बुध गृह की भी पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन इन दोनों की पूजा से दैहिक और भौतिक कष्ट समाप्त होते हैं साथ ही समृद्घि और ज्ञान का आर्शिवाद मिलता
गणपति पूजन का दिन
वैदिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक देवी देवता के पूजन का एक दिन नियत होता है। इसी क्रम में श्री गणेश की पूजा का विशेष दिन बुधवार बताया गया है। इसके साथ इस दिन बुध ग्रह की प्रसन्नता के लिए भी पूजा की जाती है, क्योंकि बुधवार के स्वामी बुध ग्रह भी है। बुध और गणेश दोनों ही बुद्धि के कारक माने जाते हैं। अत: इस दिन बुद्धि के दाता श्री गणेश की मोदक का भोग लगाकर पूजा करने से ज्ञान का वरदान प्राप्त होता है, और बुध ग्रह भी होता है शांत।
कुंडली में बुद्ध ग्रह की शांति पूजा
मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में हो तो उसे बुधवार को गणेश जी को सिंदूर, चंदन, यज्ञोपवीत, दूर्वा,अर्पित करके लड्डू या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा इस दिन धूप व दीप से श्री गणेश की आरती करें। साथ ही पूजा के दौरान नीचे दिए मंत्र का जाप भी करें।
प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम्,
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयो: शिवाय।
प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम्,
ये है अर्थ
इसका अर्थ यह है कि मैं ऐसे देवता का पूजन करता हूं, जिनकी पूजा स्वयं ब्रह्मदेव करते हैं। जो मनोरथ सिद्धि करने वाले हैं, भय दूर करने वाले हैं, शोक का नाश करने वाले हैं, गुणों के नायक हैं, गजमुख हैं, अज्ञान का नाश करने वाले हैं। मैं शिव पुत्र श्री गणेश का सुख-सफलता की कामना से भजन, पूजन और स्मरण करता हूं।
ये हैं लाभ
इसके साथ ही बुधवार को गणेश जी की पूजा से कई बिगड़े काम भी बन जाते हैं। जैसे गणेश मंत्र का जाप करने से ग्रह दोष का नाश होता है, गणपति पूजन से शत्रुओं से बचाव के साथ परिवार और पूजा करने वाले के दुःख दूर हो जाते हैं। गणेश जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग बिलकुल नहीं करना चाहिए वरना इच्छित फल की प्राप्ति नहीं होती है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।