Laddu Gopal: इस तरह करें लड्डू गोपाल जी की सेवा, खुशियों से भर जाएगा आपका जीवन
Laddu Gopal Puja vidhi कई लोग भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करते हैं। लड्डू गोपाल की नियमित रूप से पूजा करने का विधान है। वहीं कई लोग अपने बच्चों की तरह ही लड्डू गोपाल जी देखभाल और सेवा करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं लड्डू गोपाल जी पूजा से जुड़े कुछ जरूरी नियम।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Laddu Gopal Puja Niyam: हिंदू धर्म में प्रत्येक देवी-देवता के पूजा-पाठ से संबंधित नियम अलग-अलग बताए गए हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपनी श्रद्धा के अनुसार अपने-अपने इष्ट देव की पूजा-अर्चना करता है। आज हम लड्डू गोपाल जी की पूजा से जुड़े कुछ नियमों की बात करने जा रहे हैं। माना जाता है कि लड्डू गोपाल जी की पूजा में कुछ नियमों का ध्यान रखा जाए तो इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
ऐसे कराएं स्नान
लड्डू गोपाल जी को स्नान करने के लिए पंचामृत सबसे उत्तम माना गया है। पंचामृत बनाने के लिए दूध, दही, शहद, गंगाजल और घी को शंख में डालकर लड्डू गोपाल को स्नान कराएं।
इस तरह करें शृंगार
स्नान कराने के बाद लड्डू गोपाल जी को साफ-सुथरे वस्त्र पहनाएं। लड्डू गोपाल जी के वस्त्र रोज बदलने चाहिएं। वस्त्र पहनाने के बाद उनके हाथ में बांसुरी दें और सिर पर मोर पंख भी धारण कराएं, क्योंकि इन चीजों के बिना भगवान कृष्ण का शृंगार अधूरा माना जाता है। साथ ही आप उन्हें बाजूबंद और कुंडल भी पहना सकते हैं।
कितनी बार लगाएं भोग
लड्डू गोपाल जी को दिन में चार बार यानी सुबह, दोपहर, शाम और रात को भोग लगाएं। भोग हमेशा सात्विक होना चाहिए। इसके अलावा माखन मिश्री का भोग भी लड्डू गोपाल जी का प्रिय माना गया है। ऐसे में आप उन्हें इसका भी भोग लगा सकते हैं।
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इन बातों का रखें ध्यान
लड्डू गोपाल भगवान कृष्ण का बाल स्वरूप हैं, ऐसे में उन्हें झूला जरूर झूलना चाहिए। रात के समय उन्हें सुलाने के बाद मंदिर का पर्दा जरूर बंद करें। साथ इस बात का ध्यान रखें कि लड्डू गोपाल जी को कभी घर में अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। यदि आप कहीं जा रहे हैं, तो उन्हें भी अपने साथ जरूर लेकर जाएं।
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