Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Laddu Gopal: कार्तिक माह में इस तरह करें लड्डू गोपाल जी की सेवा, परिवार पर बना रहेगा आशीर्वाद

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Tue, 21 Nov 2023 04:44 PM (IST)

    Laddu Gopal Puja भगवान विष्णु के बाल स्वरूप को लड्डू गोपाल कहा जाता है। कई लोग उन्हें अपने घर लाते हैं और एक बच्चे की तरह ही उनकी देखभाल और सेवा करते हैं। कार्तिक माह में थोड़ी-थोड़ी ठंड शुरू हो जाती है। ऐसे में लड्डू जी के सेवा के नियम भी थोड़े बदल जाते हैं। तो चलिए जानते हैं कि कार्तिक माह में लड्डू गोपाल जी की सेवा के नियम।

    Hero Image
    Laddu Gopal: कार्तिक माह में इस तरह करें लड्डू गोपाल जी की सेवा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Laddu Gopal Puja Niyam: इस साल कार्तिक माह की शुरुआत 19 अक्टूबर से हुई थी, जिसका समापन 27 नवंबर को होगा। यह महीना भगवान विष्णु का प्रिय माह माना गया है, इसलिए कार्तिक माह में विष्णु जी पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसे में उनके ही बाल स्वरूप अर्थात लड्डू गोपाल जी की सेवा के लिए भी यह माह विशेष महत्व रखता है। आइए जानते है कार्तिक माह में लड्डू गोपाल जी की सेवा के नियम।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कार्तिक माह में इन बातों का रखें ध्यान

    कार्तिक माह में आप लड्डू गोपाल जी को सूर्यास्त के बाद भी जगा सकते हैं। साथ ही इस माह में देर तक भी गोपाल जी की आरती की जा सकती है। रात के समय आप ऊन से बना वस्त्र ओढ़ाकर लड्डू गोपाल जी को सुला सकते हैं।

    यह भी पढ़ें - Pradosh Vrat 2023: शुक्र प्रदोष व्रत पर इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान शिव की पूजा, दूर होंगे सभी दुख और संताप

    ऐसे कराएं स्नान

    कार्तिक माह में लड्डू गोपाल जी को हल्के गुनगुने पानी से स्नान कराएं। आप स्नान के पानी में काले तिल भी मिला सकते हैं। इससे साधक को विशेष लाभ मिलता है। कार्तिक माह से ही हल्की-हल्की ठंड शुरू हो जाता ही है। ऐसे में आप लड्डू गोपाल को ऊन से बने गर्म कपड़े पहना सकते हैं।

    यह भी पढ़ें - Dev Deepawali 2023: देव दीपावली पर धन-समृद्धि के लिए करें ये उपाय, बना रहेगा देवी-देवताओं का आशीर्वाद

    इन चीजों का लगाएं भोग

    कार्तिक के महीने में आप लड्डू गोपाल को गुड़ और तिल से बने लड्डूओं का भोग लगाना लगा सकते हैं। क्योंकि इनकी तासीर गर्म मानी जाती है। ध्यान रहे कि गोपाल जी के भोग में तुलसी दल जरूर डालें, क्योंकि तुलसी के बिना उनका भोग अधूरा माना जाता है।

    WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

    comedy show banner
    comedy show banner