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    Kuber Aarti: शुक्रवार के दिन कुबेर देव की पूजा से मिलती है आर्थिक समृद्धि, यहां पढ़ें आरती

    Updated: Thu, 18 Jan 2024 06:27 PM (IST)

    Kuber Dev ki Aarti हिंदू धर्म में कुबेर देव को धन का देवता के रूप में जाना जाता है। मां लक्ष्मी की तरह ही कुबेर देवता के लिए भी शुक्रवार का दिन समर्पित माना गया है। ऐसे में अगर आप शुक्रवार के दिन कुबेर देवता की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं तो इससे आपको धन-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।

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    Kuber Aarti शुक्रवार के दिन करें कुबेर देव की आरती।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kuber Dev puja: हिंदू धर्म में कुबेर देव को कोषाध्यक्ष और यक्ष के राजा भी कहा जाता है। यदि पूरे विधान के साथ कुबेर देव की आराधना की जाए, तो इससे साधक को आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। ऐसे में आइए पढ़ते हैं कुबेर देव जी की आरती।

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    कुबेर देव पूजा विधि

    वैसे तो हर दिन कुबेर देव की पूजा की जा सकती है, लेकिन मान्यताओं के अनुसार, शुक्रवार के दिन कुबेर जी की पूजा करने से विशेष लाभ मिल सकता है। इसके लिए सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत हो जाएं। इसके बाद पूजा में कुबेर देव को चंदन, धूप, फूल, दीप, नैवेद्य और भोग आदि जरूर अर्पित करें। अंत में कुबेर जी की आरती करें और प्रसाद सभी लोगों में वितरित करें।

    कुबेर जी की आरती

    ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे

    स्वामी जय यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे

    शरण पड़े भगतों के

    भंडार कुबेर भरे

    ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥

    शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े

    स्वामी भक्त कुबेर बड़े

    दैत्य दानव मानव से

    कई-कई युद्ध लड़े

    ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥

    स्वर्ण सिंहासन बैठे

    सिर पर छत्र फिरे

    स्वामी सिर पर छत्र फिरे

    योगिनि मंगल गावैं

    सब जय जय कार करे

    ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे..

    गदा त्रिशूल हाथ में

    शस्त्र बहुत धरे

    स्वामी शस्त्र बहुत धरे

    दुख भय संकट मोचन

    धनुष टंकार करें ॥

    ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥

    भांति भांति के व्यंजन बहुत बने

    स्वामी व्यंजन बहुत बने

    मोहन भोग लगाएं

    साथ में उड़द चने ॥

    ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥

    बल बुद्धि विद्या दाता

    हम तेरी शरण पड़े

    स्वामी हम तेरी शरण पड़े

    अपने भक्त जनों के

    सारे काम संवारे

    ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥

    मुकुट मणी की शोभा

    मोतियन हार गले

    स्वामी मोतियन हार गले

    अगर कपूर की बाती

    घी की जोत जले

    ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥

    यक्ष कुबेर जी की आरती

    जो कोई नर गावे

    स्वामी जो कोई नर गावे

    कहत प्रेमपाल स्वामी

    मनवांछित फल पावे

    ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'