Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Krishna Janmashtami 2023: श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर करें भगवान श्री कृष्ण के इन मंत्रों का जाप

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Sun, 03 Sep 2023 11:58 AM (IST)

    Krishna Janmashtami 2023 हिन्दू धर्म में जन्माष्टमी पर्व का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव के दिन लड्डू गोपाल की उपासना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। बता दें कि शास्त्रों में भगवान श्री कृष्ण को समर्पित कई मंत्रों का उल्लेख किया गया है। जिनका जाप करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है।

    Hero Image
    Krishna Janmashtami 2023: श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर करें इन मंत्रों का जाप।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Krishna Janmashtami 2023: प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर भगवान श्री कृष्ण की उपासना करने से व्यक्ति को बल, बुद्धि एवं सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बता दें कि वेद एवं पुराणों में भगवान श्री कृष्ण को समर्पित कुछ प्रभावशाली मंत्रों का उल्लेख किया गया है। जिनका जापकरने से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है। आइए जानते हैं, भगवान श्री कृष्ण के कुछ चमत्कारी मंत्र।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    श्री कृष्ण प्रभावशाली मंत्र

    1. वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम् ।

    देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ।।

    2. वृन्दावनेश्वरी राधा कृष्णो वृन्दावनेश्वरः ।

    जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिर्मम ।।

    3. हरे कृष्ण हरे कृष्ण

    कृष्ण कृष्ण हरे हरे

    हरे राम हरे राम

    राम राम हरे हरे ।।

    4. ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय ।।

    5. कृं कृष्णाय नमः ।।

    श्री कृष्ण स्तुति

    आदौ देवकी देव गर्भजननं, गोपी गृहे वद्र्धनम्।

    माया पूज निकासु ताप हरणं गौवद्र्धनोधरणम्।।

    कंसच्छेदनं कौरवादिहननं, कुंतीसुपाजालनम्।

    एतद् श्रीमद्भागवतम् पुराण कथितं श्रीकृष्ण लीलामृतम्।।

    अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्ण:दामोदरं वासुदेवं हरे।

    श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकी नायकं रामचन्द्रं भजे।।

    श्री कृष्ण स्तोत्र

    वन्दे नवघनश्यामं पीतकौशेयवाससं।

    सानन्दं सुन्दरं शुद्धं श्रीकृष्णं प्रकृतेः परम्॥

    राधेशं राधिकाप्राणवल्लभं वल्लवीसुतं।

    राधासेवितपादाब्जं राधावक्षःस्थलस्थितम्॥

    राधानुगं राधिकेशं राधानुकृतमानसं।

    राधाधारं भवाधारं सर्वाधारं नमामि तम्॥

    राधाहृत्पद्ममध्ये च वसन्तं सन्ततं शुभं।

    राधासहचरं शश्वद्राधाज्ञापरिपालकम् ॥

    ध्यायन्ते योगिनो योगात् सिद्धाः सिद्धेश्वराश्च यम्।

    तं ध्यायेत् सन्ततं शुद्धं भगवन्तं सनातनम् ॥

    सेवने सततं सन्तो ब्रह्मेशशेषसंज्ञकाः।

    सेवन्ते निर्गुणब्रह्म भगवन्तं सनातनं॥

    निर्लिप्तं च निरीहं च परमानन्दमीश्वरं।

    नित्यं सत्यं च परमं भगवन्तं सनातनं॥

    यं सृष्टेरादिभूतं च सर्वबीजं परात्परं।

    योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनं॥

    बीजं नानावताराणां सर्वकारणकारणं।

    वेदाऽवेद्यं वेदबीजं वेदकारणकारणम् ॥

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।