दिवाली: घर पर करें काली पूजन, इन बातों का रखें ध्यान
दिवाली के दिन गणेश व लक्ष्मी जी के साथ ही मां काली की भी पूजा भी की जाती है। हालांकि काली जी की पूजा में कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है...
पूजा का महत्व
कार्तिक अमावस्या को दिवाली का पर्व मनाया जाता है। नवग्रहों की शांति के लिए यह सबसे बड़ा दिन माना गया। मान्यता है कि इस दिन गणेश जी, कुबेर और माता लक्ष्मी की विधिविधान से पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। दिवाली वाले दिन मां काली जी की पूजा करना भी शुभ होता है। काली मां सिद्धि और पराशक्तियों की दाता हैं। मां अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण कर उन्हें भय व कष्टों से मुक्ति देती हैं।
ऐसे करें पूजन
दिवाली की में एक चौकी पर मां काली की प्रतिमा या तस्वीर का स्थापित कर उनके ऊपर जल छिड़के। इसके बाद लाल रंग का फूल और काले रंग के कपड़े अर्पित करें। मां के सामने धूप अगरबत्ती जलाएं। इसके अलावा लौंग-कपूर भी जलाकर रखें। प्रसाद में पेंड़े या फिर किसी अन्य मिठाई का भोग लगाएं और 'ऊँ क्रीं कालिकायै नमः'मंत्र का जप करें। पूजन के आखिरी में मां की आरती करें। इस तरह से मां काली का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
इन चीजों का रखें ध्यान
मां काली की पूजा में कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। जिससे मां काली जल्दी प्रसन्न होती हैं। काली जी की पूजा विशेष मुहूर्तों में ही करें। इसके लिए मध्य रात्रि का समय शुभ माना जाता है। काली जी की पूजा में एकाग्रता होना जरूरी है। पूजन करते समय जमीन पर नहीं बैठना चाहिए आसन बिछाना जरूरी होता है। इसके अलावा पूजन के दौरान बार-बार उठकर इधर-उधर नही जाना चाहिए।
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